Aashaad Month Vart and Tyaohar: जून, रविवार 2023  को पढ़ रही है  इष्टी यानि आषाढ़ अमावस्या- वैष्णव सम्प्रदाय में इष्टी को महत्त्वपूर्ण पर्व माना जाता है.संस्कृत भाषा में इष्टी का  अर्थ है इच्छा और  अन्वधान का अर्थ है हवन करने की परंपरा. इस प्रकार इष्टी एक प्रकार का हवन है जो प्रत्येक मास एक निश्चित मुहूर्त में किया जाता है. इस महीने यह हवन 18  जून को किया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु के भक्त उनका आह्वान करते हैं और व्रत कर उनकी पूजा करते हैं.


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यह पर्व प्रत्येक हिंदू मास में, अमावस्या तथा पूर्णिमा के दिन दो बार आता है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की पूजा करते हैं,  इष्टि के दिन भगवान विष्णु के निमित्त यज्ञ किया जाता है. सुबह सुबह स्नान आदि कर साफ, स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण कर श्री हरि की पूजा का संकल्प करें. घर के पूजास्थल अथवा घर के निकट के किसी मंदिर में भगवान विष्णु तथा लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा करें तथा विष्णुजी के महामंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र से हवन करें. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 


19 जून, सोमवार 2023: आषाढ़ नवरात्रि, चंद्र दर्शन-  पंचांग के अनुसार, इस वर्ष के आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि व्रत  शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 06 मिनट से प्रारंभ हो रही है. यह तिथि अलगे दिन सोमवार 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट तक है. प्रतिपदा तिथि 19 जून को मान्य है, इसलिए आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून से प्रारंभ होगी. गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों के साथ साथ 10 महाविद्याओं का भी पूजन होता है.


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तंत्र-मंत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि अच्छी मानी जाती है. इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूरे 9 दिन की है. 9 दिन की नवरात्रि को शुभ माना जाता है. अगर आप देवी के उपासक हैं तो इन नवरात्रों में माँ दुर्गा का पूजा पाठ और व्रत करें. सभी दुःख दूर होंगे और घर में खुशहाली आएगी. 


20 जून, मंगलवार 2023: जगन्नाथ रथयात्रा - हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ यानि भगवान श्रीकृष्ण बड़े भाई बलराम और छोटी बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी गुंडीचा के घर जाते हैं. जगन्नाथ का अर्थ होता है जगत के नाथ.  उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं, जो कि विष्णु जी के अवतार श्रीकृष्ण का ही रूप माने जाते हैं. यह धाम भारत के चार पवित्र धामों में से एक है, हर साल आषाढ़ माह में यहां भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने से जीवन से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं


25 जून, रविवार 2023:  भानु सप्तमी - भानु सप्तमी भगवान सूर्य के निमित्त मानने का विधान हैं. त्वचा रोग, पेट रोग, आंखों के रोग से बचने के लिए भानु सप्तमी का व्रत करें और सूर्य देव के निमित्त पूजा अर्चना करने और ताम्र पात्र में चंदन डालकर जल दें. संयोग से इस साल 2023 में भानु सप्तमी रविवार के दिन होने से इसका हजारों गुना फल व्यक्ति को मिलेगा. रविवार सूर्य देव का बहुत विशेष दिन माना गया है.


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 


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