Aaj Ka Panchang 20 February: जानें मंगलवार का पंचांग, देखें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
Aaj Ka Panchang 20 February: हिंदू पंचांग के अनुसार, 20 फरवरी को माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और मंगलवार का दिन है और आज जया एकादशी व्रत भी रखा जाएगा. दोपहर से पहले 11 बजकर 45 मिनट तक प्रीति योग रहेगा.
Aaj ka Panchang 20 February 2024: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 20 February 2024 का पंचाग...
20 फरवरी 2024 व्रत-त्योहार-वार
वार-मंगलवार
व्रत-त्योहार- जया एकादशी
सूर्योदय:सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 6:56 एएम
सूर्यास्त:शाम 6:14 पीएम
20 फरवरी 2024 का शुभ मुहूर्त
माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि
20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 56 मिनट तक रहेगी, उसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी.
प्रीति योग
20 फरवरी को दोपहर से पहले 11 बजकर 45 मिनट तक.
आर्द्रा नक्षत्र
20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक आर्द्रा नक्षत्र रहेगा , उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र लग जाएगा.
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त -12:17 पीएम–01:03 पीएम
अमृत काल - None
ब्रह्म मुहूर्त - 05:23 एएम–06:11 एएम
अशुभ काल
राहू: 3:30 पीएम – 4:56 पीएम
यम गण्ड: 9:50 एएम – 11:15 एएम
कुलिक: 12:40 PM – 2:05 पीएम
दुर्मुहूर्त: 09:16 एएम– 10:01 एएम, 11:24 पीएम–12:14 एएम
वर्ज्यम्: 01:15 एएम– 02:59 एएम
राहुकाल का समय
दिल्ली: दोपहर बाद 03:24 से शाम 04:49 तक.
मुंबई: दोपहर बाद 03:46 से शाम 05:13 तक.
चंडीगढ़: दोपहर बाद 03:24 से शाम 04:48 तक.
लखनऊ: दोपहर बाद 03:10 से शाम 04:35 तक.
भोपाल: दोपहर बाद 03:25 से शाम 04:51 तक.
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
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