Sawan 2023: सावन के महीने में जानें शिव के बारह ज्योतिर्लिंग का महत्त्व, देश के इन जगहों पर मिलेंगे भोलेनाथ
Sawan 2023: सावन का महीना शिव को अत्यंत प्रिय है. इस सावन के माह में शिव के ज्योतर्लिंग दर्शन का बहुत महत्त्व है. भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं इन शिवलिंगों को द्वादश ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है.
Sawan Vrat 2023: शिव के ज्योतिर्लिंग दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन से भक्तों के पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. जानें कहाँ कहाँ शिव के ये ज्योतिर्लिंग.
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग - शिवपुराण के अनुसार यह ज्योतिर्लिंग पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग है. सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र में है. इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी और यहाँ पर चन्द्रमा ने राजा दक्ष के श्राप से मुक्ति पाने के लिए शिव की तपस्या की थी.
मल्लिकार्जुन- यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में स्थित है. यह मंदिर श्री शैल नाम के पर्वत पर कृष्णा नदी के किनारे बहुत ही मनोरम स्थान पर स्थित है. कहते हैं यह स्थान शिव को कैलाश पर्वत के समान प्रिय है.
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - मध्य प्रदेश के उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है. यहीं स्थित है महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग. यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है. यहाँ हर सुबह की जाने वाली भस्म आरती दुनिया भर में प्रसिद्ध है.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग- मध्य प्रदेश में ही एक और ज्योतिर्लिंग है. प्रसिद्ध शहर इंदौर के पास नर्मदा नदी बहती है यहाँ पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है इसलिए इसे ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है.
केदारनाथ - यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थित है. केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है. यहाँ उत्तराखंड के चार धामों में से एक है. यह तीर्थ भगवान भोले को बहुत पसंद है.
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग- यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव भी कहते हैं. जो व्यक्ति यहाँ प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद दर्शन करता है कहते हैं उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं.
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग- यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के काशी यानि बनारस में स्थित है. मान्यता है कि प्रलय आने पर भी यह स्थान बना रहेगा. शिव भक्तों के लिए यह स्थान बहुत ही महत्ववपूर्ण है.
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग - यह मंदिर गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है. इसी स्थान के समीप ब्रह्मा गिरि नाम का पर्वत है यहीं से गोदावरी नदी शुरू होती है यह स्थान भगवान शिव ने गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर चुना.
ये खबर भी पढ़ें- Snake Bite First Aid: सांप के काटने पर क्या करें?, इस घरेलू उपायों से बच सकती है जान
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- यह नौवां ज्योतिर्लिंग है. झारखण्ड के दुमका में स्थित यह धाम वैद्यनाथ धाम कहा जाता है.
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग- शिव शंकर नागों के देवता हैं. इसलिए उन्हें नागेश्वर कहा जाता है. यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारिका स्थान में स्थित है.
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग- तमिलनाडु राज्य के रामनाथ पुरं नामक स्थान में यह ज्योतिर्लिंग स्थित है. यह स्थान हिंदुओं के चार धामों में से एक भी है. इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी इसीलिए इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है.
धृष्णेश्वर मन्दिर- घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास है. यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है. इसके समीप बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं स्थित हैं.
WATCH : कठिन समय में हिम्मत ना हारें यूपी सरकार दे रही आपको 30 हजार रुपये