shani dev puja tips: कभी-कभी जीवन में बहुत मेहनत के बाद भी, आपको उचित परिणाम नहीं मिल पाते हैं.  यह आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति की वजह से हो सकता है या फिर आपकी कुंडली में कोई शनि से जुड़ा दोष बन रहा है. भगवान शनिदेव के क्रोध के कारण भी ये हो सकता है.  शनि, किसी जातक पर अपने महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए जाने जाते हैं. शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. बुरे कर्मों और अन्यायी व्यक्ति पर शनिदेव की साढ़े साती और ढैय्या लगती है. शनिदेव के तिरछी दृष्टि होने पर लोगों को कष्ट झेलना पड़ता है. इसलिए शनिदेव का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों का मन डर से कांप उठता है. हालांकि, कुछ उपाय शनि के प्रभाव को कम करने और आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम लाने में मदद कर सकते हैं. ऐसे पांच देवी-देवता हैं, जिनकी आराधना से शनिदेव को शांत रखा जा सकता है. आइए, जानते हैं कौन-से हैं वे देवी-देवता.


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हनुमान 
आप हनुमान जी के भक्त हैं, तो आपको शनिदेव का प्रकोप कभी नहीं झेलना पड़ेगा. धार्मिक पुराणों के अनुसार जब एक बार  शनिदेव को अपनी शक्तियों का गुमान होने लगा था, तब हनुमान जी ने शनिदेव का अहंकार तोड़ा था. तभी से शनिदेव रामभक्त हनुमान का बहुत सम्मान करते हैं. यही कारण है कि हनुमान जी के भक्तों को शनिदेव परेशान नहीं करते है. इसलिए शनिदेव को खुश करना है तो हनुमान जी की नियमित पूजा आराधना करें.


श्रीकृष्ण
शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के परमभक्त माने जाते हैं. इसी कारण  श्रीकृष्ण के भक्तों को शनिदेव परेशान नहीं करते. अगर आप भी अगर श्रीकृष्ण के भक्त हैं और पूरी निष्ठा के साथ उनकी पूजा और भक्ति करते हैं, तो शनि के प्रकोप से आप बच सकते हैं.


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भगवान शिव
अगर आप अगर  भगवान भोलनाथ के भक्त हैं, तो शनिदेव की छत्रछाया आप पर सदा बनी रहेगी. भगवान शिव को शनिदेव का गुरु माना जाता है, इसलिए शनिदेव अपने गुरु का बहुत सम्मान करते हैं. शिव की स्तुति करने से आप शनिदेव के प्रकोप से बचे रह सकते हैं.


देवी नीलम रत्ना
शनिदेव की पहली पत्नी देवी नीलमरत्ना को नीलम या नीलिमा नाम से भी जाना जाता है. शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए आप उनकी पत्नी का ध्यान करके उनकी स्तुति कर सकते हैं.  पौराणिक कहानी के अनुसार शनिदेव श्रीकृष्ण के परम भक्त थे, वे हमेशा उनकी भक्ति में लीन रहते थे. एक दिन उनकी पत्नी प्रेम निवेदन करने के लिए उनके पास आईं लेकिन शनि जी भक्ति में इतने लीन थे कि उन्होंने देवी नीलम रत्ना को नहीं देखा. इस अपमान से क्रोधित होकर उनकी पत्नी ने उन्हें श्राप दिया कि वो जिसे भी दृष्टि उठाकर देखेंगे, वो नष्ट हो जाएगा. इसी कारण शनिदेव अपनी दृष्टि नीची करके चलते हैं, ताकि किसी का अनिष्ट ना हो.


पीपल का पेड़
सनातन धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है खासकर शनिवार के दिन. पीपल के पेड़ में विष्णु जी समते कई देवताओं का वास माना जाता है. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक भी जलाया जाता है. अगर आपकी राशि में शनिदेव का प्रकोप चल रहा है, तो आपको हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जरूर जलाना चाहिए, ऐसा करने से  शनिदेव का प्रकोप शांत हो जाएगा और आप पर उनकी कृपा भी बरसेगी.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


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