Pitru Paksha 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष का आरंभ भाद्रपद पूर्णिमा से होता है और इसका समापन आश्विन माह की अमावस्या तिथि पर होता है. इसे आम बोलचाल में 'श्राद्ध' के रूप में भी जाना जाता है. इस अवधि को पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना गया है. इस वर्ष पितृ पक्ष 18 सितंबर से 02 अक्टूबर तक रहेगा. इस दौरान बाल और दाढ़ी न कटवाने की परंपरा सदियों पुरानी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान बाल और दाढ़ी कटवाना क्यों अशुभ माना जाता है? 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

धार्मिक कारण
मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में बाल और दाढ़ी न कटवाने की परंपरा का धार्मिक आधार पितरों के प्रति सम्मान और श्रद्धा से जुड़ा है. पितृ पक्ष को शोककाल के रूप में माना जाता है, जिसमें परिवार के सदस्य अपने पितरों की स्मृति में शारीरिक और मानसिक रूप से संयमित रहते हैं. बाल और दाढ़ी काटने को इस शोक के दौरान अशुभ माना जाता है क्योंकि इसे पितरों के प्रति असम्मान के रूप में देखा जाता है. इस दौरान संयम, साधना और त्याग पर जोर दिया जाता है, और बाल व दाढ़ी न कटवाना पितरों के प्रति आदर और श्रद्धा का प्रतीक है.


वैज्ञानिक दृष्टिकोण
इस परंपरा का वैज्ञानिक आधार भी हो सकता है. क्योंकि पितृ पक्ष तब आते हैं जब बरसात का मौसम का खत्म हो चुका होता और सर्दी शुरू होने वाली होती है. ऐसे में अगर दाढ़ी या बाल बनवाते हैं तो सर्दी लगने की वजह से स्वास्थ्य खराब हो सकता है. क्योंकि बाल शरीर को प्राकृतिक रूप से गरम रखते हैं. इसलिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी पितृ पक्ष में बाल या दाढ़ी नहीं बनवाने के फायदे हो सकते हैं. 


अन्य कारण
पुराने समय में सैलून और बारबर के उपकरणों की स्वच्छता का विशेष ध्यान नहीं रखा जाता था. पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने घरों से कम निकलते थे, इसलिए बाल और दाढ़ी न कटवाना संक्रमण के जोखिम से बचाने का एक उपाय हो सकता था. इसके अलावा, प्राचीन काल में पितृ पक्ष को अत्यंत पवित्र समय माना जाता था, इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान होते थे. पितृ पक्ष के दौरान किसी भी प्रकार का श्रृंगार या शारीरिक सजावट को अनुचित माना जाता था, क्योंकि यह पितरों के शोककाल का उल्लंघन करता.


इस तरह पितृ पक्ष के दौरान बाल और दाढ़ी न कटवाने की परंपरा धार्मिक श्रद्धा और वैज्ञानिक कारणों से जुड़ी हुई है, जो सदियों से चली आ रही है.


DISCLAIMER
लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है. ये जानकारी विभिन्न स्रोतों से ली गई है. ZEE UP/UK इसकी प्रमाणिकत और सटीकता की पुष्टि नहीं करता है. ज्यादा जानकारी के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें.