Shri Hanumat Pancharatnam: आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है. आज दिन मंगलवार है. इस दिन का हिंदू धर्म में खास महत्व है. यह दिन अंजनिपुत्र हनुमान को समर्पित है. हनुमानजी को महावीर, बजरंगबली, मारुती, पवनपुत्र, संकटमोचन तथा केसरीनंदन के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. संकटमोचन अपने भक्तों के सारे संकट हर लेते हैं. बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र जरूर पढ़ना चाहिए. इसकी रचना आदि गुरु शंकराचार्य ने की है. इस स्तोत्र में हनुमान जी की विशेषता के बारे में बताया गया है. माना जाता है कि जो व्यक्ति इसका पाठ करता है उससे पवनसुत हनुमान और श्रीरामचंद्र प्रसन्न होते हैं. 


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श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र (Shri Hanumat Pancharatnam)
वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् ।
सीतापति दूताद्यं वातात्मजमद्य भावये हृद्यम् ॥१॥


तरुणारुण मुख-कमलं करुणा-रसपूर-पूरितापाङ्गम् ।
सञ्जीवनमाशासे मञ्जुल-महिमानमञ्जना-भाग्यम् ॥२॥


शम्बरवैरि-शरातिगमम्बुजदल-विपुल-लोचनोदारम् ।
कम्बुगलमनिलदिष्टम् बिम्ब-ज्वलितोष्ठमेकमवलम्बे ॥३॥


दूरीकृत-सीतार्तिः प्रकटीकृत-रामवैभव-स्फूर्तिः ।
दारित-दशमुख-कीर्तिः पुरतो मम भातु हनुमतो मूर्तिः ॥४॥


वानर-निकराध्यक्षं दानवकुल-कुमुद-रविकर-सदृशम् ।
दीन-जनावन-दीक्षं पवन तपः पाकपुञ्जमद्राक्षम् ॥५॥


एतत्-एतत्पवन-सुतस्य स्तोत्रं
यः पठति पञ्चरत्नाख्यम् ।
चिरमिह-निखिलान् भोगान् भुङ्क्त्वा
श्रीराम-भक्ति-भाग्-भवति ॥६॥


इति श्रीमच्छंकर-भगवतः
कृतौ हनुमत्-पञ्चरत्नं संपूर्णम् ॥


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