Christmas Day 2023: क्रिसमस के दिन सांता क्लॉज क्यों पहनते हैं लाल कपड़े? जानें इसके पीछे की कहानी
Christmas Day 2023: क्रिसमस यानी खुशियों का, आपसी मेल-जोल का त्योहार, वह त्योहार जो साल के अंत में मनाया जाता है. इस दिन लोग आपस में उपहार बांटते हैं और सबके घरों में क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है. आज हम जानेंगे कि सांता क्लॉज क्रिसमस डे पर लाल रंग के कपड़े ही क्यों पहनता है?
Christmas Day 2023: हर साल क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया जाता है. प्रभु यीशु के जन्मदिन पर हर साल सांता क्लॉज खुशियां बांटता है और बच्चों को उपहार देता है. इस दिन सभी लोग नए कपड़े पहनकर सेलिब्रेट करते हैं. एक दूसरे को मैरी क्रिसमस कहकर बधाई देते हैं. कहने को तो यह ईसाइयों का त्योहार है लेकिन सभी धर्मों के लोग इसे बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. आपने ये तो जरूर गौर किया होगा कि बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक क्रिसमस के दिन ज्यादातर लोग लाल रंग के कपड़े और लाल रंग की टोपी लगाते हैं. आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि इसकी क्या वजह हो सकती है. इसको लेकर कई किवदंतियां और कहानियां हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में..
क्रिसमस (Christmas)
क्रिसमस क्राइस्ट्स और मास दो शब्दों को मिलकर बना है. इसमें क्रिस का मतलब जीसस क्राइस्ट और मस का मतलब प्रार्थना करता हुआ ग्रुप है.
ईसाई संत निकोलस धरते थे सेंटा का रूप
ईसाई संत निकोलस (Christian Saint Nicholas) किसी भी गरीब को पैसे की तंगी के कारण क्रिसमस मनाने से वंचित नहीं देख सकते थे. इसलिए वह लाल कपड़े पहनकर, चेहरे को दाढ़ी से ढककर गरीबों को खाने की चीजें और गिफ्ट बांटते थे. ऐसा कहा जाता है कि तभी से सेंटा क्लाज का यह रूप सामने आया.
एक मान्यता के अनुसार
क्रिसमस के दिन लाल रंग (Red Colour)के कपड़ों को लेकर बहुत सी बातें सामने आती हैं. ऐसी कहा जाता है कि लाल रंग खुशी और प्यार का रंग है. लाल रंग को जीसस क्राइस्ट के खून का प्रतीक भी माना जाता है. जो जीसस के द्वारा दूसरों के प्रति बेपनाह प्यार दर्शाता है. प्रभु यीशु (Lord Jesus) हर ईसाई को अपनी संतान समझते थे और उन्हें बहुत प्यार करते थे. यही वजह थी कि वो लाल रंग के जरिए सभी को मानवता का पाठ पढ़ाना चाहते थे.
अन्य मान्यता के अनुसार
अन्य मान्यता के अनुसार मध्य युग के दौरान यूरोप के कई हिस्सों में क्रिसमस के एक दिन पहले शाम को को पैराडाइज प्ले यानी नाटकों का आयोजन किया जाता था. इन नाटकों में दिखाया जाता है कि बगीचे में पैराडाइज ट्री पर लाल सेब लदे हुए होते थे. जो एडम का प्रतिनिधित्व करते हैं. वहीं होली बेरीज नाम के प्लांट का रंग भी लाल होता है जिसे क्रिश्चियन समुदाय के लोग काफी पसंद करते हैं. इसलिए सांता क्लॉज लाल रंग के कपड़े पहन कर आता है.