Chhath Pooja 2024: साल में दो बार क्यों मनाई जाती है छठ पूजा, शनिदेव और यम से जुड़ा है रहस्य

Yamuna Chhath Pooja 2024: महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है. इन दोनों पर्वों के बीच कुछ अंतर और बहुत सी समानताएं भी होती हैं.

पद्मा श्री शुभम् Tue, 05 Nov 2024-7:02 pm,
1/10

छठ पूजा को चैती छठ

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाई जाने वाली छठ पूजा को चैती छठ या यमुना छठ कहते हैं. इस त्योहार को मथुरा और वृंदावन से लेकर गुजरात में बहुत भव्य तरीके से मनाने का विधान है. 

2/10

यमुना जयंती

कहा जाता है कि इसी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर देवी यमुना का धरती पर अवतरण हुआ था. इस तरह चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर यमुना जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. 

3/10

यमुना भारत की पवित्र नदियों में

यमुना भारत की पवित्र नदियों में गिनी जाती है ऐसे में यमुना छठ पर लोग यमुना नदी में स्नान करके पूजा अर्चना करते हैं. कहते हैं कि ऐसा करने से यम के यातनाओं से साधक को मुक्ति मिलती है. 

4/10

इस साल यमुना छठ की तिथि

इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 13 अप्रैल 2024 को दोपहर के 12 बजकर 04 मिनट पर शुरू हुई थी और दूसरे दिन के सूर्य अर्घ्य के साथ यमुना छठ की समाप्ति 14 अप्रैल 2024 को हुई थी. 

5/10

यमुना छठ महत्व (Yamuna Chhath Significance)

हिंदू धर्म में गंगा ज्ञान की देवी मानी जाती है तो वहीं और यमुना देवी को भक्ति का सागर कहा जाता है. यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था कि यमुना नदी में जो भी व्यक्ति स्नान करेगा उसे यमलोक का रास्ता नहीं देखना पड़ेगा. 

6/10

शनिदेव

ऐसे में यमुना जयंती (यमुना छठ) के दिन ब्रज में विशेष रूप से लोग यमुना में आस्था की डूबकी लगाते हैं. कहा जाता है कि इससे व्यक्ति के पाप धुलते हैं और शनिदेव की शुभता भी मिलती है. 

7/10

देवी यमुना

दरअसल, देवी यमुना शनिदेव की भी बहन है क्योंकि शनि देव सूर्य देव और देवी छाया के पुत्र हैं. वहीं यमुना और मृत्यु के देवता यमराज सूर्य देव और संज्ञा के संतान हैं.   

8/10

कार्तिक माह का छठ

आपको बता दें कि कार्तिक माह के छठ की तरह ही यमुना छठ पर भी सूर्य की आराधना का विशेष महत्व होता है. चैत्र माह में भी लोग छठ मनाने के लिए घाट पर जाते हैं और सुबह और शाम को सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं.

9/10

कार्तिक मास के छठ का महत्व

वहीं, कार्तिक मास के छठ का महत्व स्नान, साधना के साथ ही धार्मिक अनुशासन के कारण बढ़ जाता है. कार्तिक मास का छठ पर्व 5 नवंबर से नहायखाय के साथ शुरू हो गया है. षष्ठी तिथि 7 नवंबर 2024 को शाम का अर्घ्य और अगले दिन सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा.

10/10

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link