Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चुतर्थी के दिन चांद को देखना होता है `अशुभ`, पढ़ें क्यों माना जाता है अपशकुन
Ganesh Chaturthi 2024: अगर आपने अंजाने में गणेश चुतर्थी के दिन चांद देख लिया है तो इसके प्रकोप से बचने के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं. जानते हैं कि इसके पीछे का कारण क्या है और यदि चांद देख लिया है तो कौन से उपाय किए जा सकते हैं.
गणेश उत्सव
देश भर में इस वर्ष गणेश उत्सव का शुभारंभ 7 सितंबर 2024 से हो रहा है और इसका समापन 17 सितंबर 2024 पर अनंत चतुर्दशी के दिन होगा. इस दिन घर-घर में गणपति बप्पा की स्थापना होती है. इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.
Ganesh Chaturthi 2024
इन दिनों गणेश जी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. पूरे 10 दिनों तक गणपति बप्पा के मंदिरों और पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. ये पर्व खासतौर से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है.
नियम
इस दिन के लिए भी कुछ नियम बताए गए हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन चंद्र दर्शन की मनाही होती है. कहा जाता है कि यदि आपने गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देख लिया तो यह एक अशुभ संकेत माना जाता है.
क्यों नहीं देखा जाता है चांद?
गणेश चतुर्थी के दिन यदि चंद्रमा के दर्शन भूलकर भी नहीं करने चाहिए. धार्मिक मान्यतानुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र के दर्शन करने से मिथ्या दोष अथवा मिथ्या कलंक लगता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को चोरी का झूठा आरोप सहना पड़ता है. ये एक अनचाहा दोष है, जो व्यक्ति गलत और झूठे आरोपों में फंसा सकता है. मिथ्या दोष लगने पर आपके जीवन में कई सारी दिक्कतें आने लगती हैं.
चंद्रमा को मिला था श्राप
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, एक बार भगवान गणेश अपनी सवारी मूषक पर सवार होकर कहीं जा रहे थे. इस दौरान गणपति जी अपने भारी वजन की वजह से लड़खड़ा गए. और ये देखकर चंद्र देव जोर-जोर से हंसने लगे. चंद्रमा को हंसता देख गणेश जी बहुत गुस्सा हो गए और उन्होंने चंद्र देव को श्राप दे दिया.
पौराणिक कथा
उन्होंने चंद्रमा को क्षय होने का श्राप दिया और कहा कि अगर इस दिन कोई तुम्हें देखेगा तो उसप र कलंक लगेगा. इसी श्राप के कारण गणेश चतुर्थी के दिन रात के समय चांद देखना मना है. जो भी व्यक्ति इस दिन चांद देख लेता है उसे तिरस्कार, मिथ्या दोष और अपमान का सामना करना पड़ता है.
दूसरी पौराणिक कथा
वहीं दूसरी पौराणिक गाथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक नाम की कीमती मणि चोरी करने का झूठा आरोप लगा था. तब नारद ऋषि ने उन्हें बताया कि भगवान कृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखा था जिसके कारण उन्हें मिथ्या दोष का श्राप लगा था.
भगवान कृष्ण को लगा दोष
नारद ऋषि ने भगवान कृष्ण को आगे बताते हुए कहा कि भगवान गणेश ने चांद को श्राप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दौरान चंद्र के दर्शन करेगा वह मिथ्या दोष से अभिशापित हो जाएगा और समाज में चोरी के झूठे आरोप से कलंकित हो जाएगा. नारद ऋषि के परामर्श पर भगवान कृष्ण ने मिथ्या दोष से मुक्ति के लिये गणेश चतुर्थी के व्रत को किया और मिथ्या दोष से मुक्त हुए.
गलती से चांद देख लिया तो क्या करें?
अगर आपने गणेश चतुर्थी के दिन गलती से चंद्रमा के दर्शन कर लिया है तो इसके उपाय भी बताए गए हैं. इस दोष से मुक्त होने के लिए आप गणेश भगवान का व्रत रख सकते हैं.
मंत्र का जाप
इसके साथ ही मिथ्या दोष निवारण मंत्र का जप करें. मंत्र इस प्रकार है-
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥
Disclaimer
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं,वास्तुशास्त्र पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता हइसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.