कांवड यात्रा के 225 किलोमीटर एरिया पर रहेगी CCTV की निगरानी, एक भी जगह नहीं होगा डार्क स्पॉट
श्रावण मास की त्रयोदशी तिथि को गंगाजल अपने गृह नगर के शिव मंदिर में चढ़ाते हैं. इस साल यह पवित्र यात्रा 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से शुरू हो रही है.
तैयारियां शुरू
कांवड यात्रा शुरू होने वाली है और इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. वेस्टर्न यूपी में इस यात्रा का प्रभाव ज्यादा रहता है. कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है.
मेरठ में हाईलेवल मीटिंग
कांवड यात्रा को लेकर मेरठ में हाईलेवल मीटिंग हुई. गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने भी तैयारी शुरू कर दी है.
न हो कोई परेशानी
इस बार बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के साथ कांवड़ यात्रा में शामिल लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसका इंतजाम किया जा रहा है.
जिम्मेदारी तय
इस व्यवस्था में चौकी,थाना और जोन लेवल पर जिम्मेदारी तय की गई है. कांवड यात्रा को लेकर डायवर्जन प्लान भी तैयार किया गया है.
कांवड़ यात्रा के 11 रूट
पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मेट्रो सिटी में कांवड़ यात्रा के 11 रूट हैं. जिसमें करीब 225 किलोमीटर का एरिया कवर होता है.
पूरे इलाके पर नजर
इस पूरे इलाके पर कैमरों की नजर रहेगी. 225 किमी कैमरों से कवर किया जा रहा है. ऐसा पहली बार होगा जब कांवड़ मार्ग में कोई भी डार्क स्पॉट नहीं होगा.
225 किमी का एरिया
कांवड़ यात्रा के दौरान 225 किमी के एरिया को कवर करने में जितने कैमरे लगाने की जरूरत होगी, इस हिसाब से भी काम किया जाएगा.
सभी पंडाल में कम से कम दो कैमरे
इस दौरान लगने वाले सभी पंडाल में कम से कम दो कैमरों को सड़क की तरफ करना होगा. इस बार कैमरों की संख्या इस टारगेट के अनुसार ही तय की जा रही है.
पुलिसकर्मी की ड्यूटी
कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर 105 बीट पर पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई गई है. कांवड यात्रा को देखते हुए इस बार 100 फीसदी रूटों पर कैमरों की नजर बनी रहेगी.
105 बीट इतने पुलिसवाले
गाजियाबाद में 105 चौकी से होकर कांवड़ यात्रा निकलेगी. जिसे बीट के रूप में बनाया गया है. सभी बीट पर 5 सब-इंस्पेक्टर के साथ कुल 9 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
सुरक्षा व्यवस्था
यात्रा के शुरू होने के बाद वह इसी में सुरक्षा व्यवस्था का काम करेंगे. इसके अलावा जल्द ही बाकी टीम को भी ड्यूटी लगाई जाएगी. ये सब कांवड़ यात्रा को सफल बनाने की तैयारी है.
फोर्स की भी तैनाती
इसके साथ अन्य फोर्स को भी रूट में लगाया जाएगा. साथ ही मेट्रो सिटी में कांवड यात्रा पर नजर रखने के लिए कंट्रोल भी बनाए जाएंगे.
शिविरों की संख्या
इस साल शिविरों की संख्या बढ़ सकती है. पिछले साल गाजियाबाद में शिविर की संख्या करीब 250 थी. पुलिस के अनुसार ज्यादा शिविर से श्रद्धालुओं के साथ सुरक्षा व बाकी की व्यवस्था में मदद मिलती है.
गाजियाबाद से मेरठ-मुजफ्फरनगर
गाजियाबाद से मेरठ मुजफ्फरनगर तक नेशनल हाईवे 58 पर भारी वाहन नहीं चलेंगे.गंग नहर पटरी मार्ग पर भी कोई भारी वाहन नहीं होगा.