Pitru Paksha 2024: कैसे होगा पितरों का श्राद्ध? पितृपक्ष के दौरान घटेंगी दो बड़ी घटनाएं

Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में पितृ को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा आराधना की जाती है. पिंडदान भी किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस वर्ष पितृपक्ष में दो बड़ी घटनाएं घटने वाली हैं.

प्रीति चौहान Tue, 17 Sep 2024-2:47 pm,
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पितृपक्ष 2024

इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक रहने वाले हैं. 18 सितंबर को पहला और 2 अक्टूबर को आखिरी श्राद्ध होगा. संयोगवश इन दोनों ही तिथियों पर चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं. 

 

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प्रतिपदा श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण

18 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण रहेगा. जबकि 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के श्राद्ध पर सूर्य ग्रहण रहेगा. ज्योतिष की मानें तो पितृपक्ष पर ग्रहण का यह अशुभ और चिंताजनक है. जानते हैं कि पितृपक्ष पर लग रहे इन ग्रहण का भारत पर क्या असर होने वाला है.

 

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कब और कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को सुबह 06 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक है. यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि करीब 05 घंटे 04 मिनट रहेगी. 

 

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नहीं देगा यह चंद्र ग्रहण

ये चंद्र ग्रहण दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका और पश्चिमी यूरोप के देशों में दिखाई देगा.इसके अलावा, यह हिंद महासागर,अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका की कुछ जगहों पर भी दिखाई दे सकता है. 

 

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क्या भारत में लगेगा सूतक काल?

चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले लग जाता है. चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है. इसलिए आप पितरों का श्राद्ध और पिंडदान कर सकते हैं. अब बात करते हैं सूर्य ग्रहण की.

 

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कितना असर डालेगा सूर्य ग्रहण?

पितृपक्ष के आखिरी श्राद्ध यानी 2 अक्‍टूबर की रात को सूर्य ग्रहण लगेगा. यह सूर्य ग्रहण रात 09 बजकर 13 मिनट से लेकर मध्‍यरात्रि 03 बजकर 17 मिनट तक रहने वाला है. यह सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा. 

 

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यहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्‍सों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली और पेरू जैसे देशों में दिखाई देगा. भारत में जब सूर्य ग्रहण दिखाई देता है तो उसका सूतक काल यहां 12 घंटे पहले लागू हो जाता है. सूर्य ग्रहण में शुभ और शुभ काम वर्जित होते हैं. यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

 

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ग्रहण और पितृदोष के संयोग में करें ये उपाय

ज्योतिषविदों का कहना है कि इस दिन ग्रहण काल की अवधि से बचते हुए कुछ विशेष उपाय करने से पितृदोष से छुटकारा मिल सकता है. इस दिन गरीबों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा भी दें. श्राद्धकर्म के दौरान दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को प्रणाम करें. पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और अक्षत, पुष्‍प, गंगाजल और काले तिल चढ़ाएं.

 

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Disclaimer

यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है.  यहां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

 

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