Raksha Bandhan 2024: बहनें अपने भाई के अलावा इनको भी बांधें राखी, खुशियों से भर जाएगा जीवन
Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार का प्रतीक त्योहार है. इस दिन लड़कियां, महिलाएं अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करती हैं. क्या आप जानते हैं भाई के अलावा किसको राखी बांध सकते हैं.
रक्षाबंधन 2024
हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का बहुत महत्व है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना भी करती हैं. ये पर्व भाई बहन के रिश्ते को और मजबूती प्रदान करता है.
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार का प्रतीक त्योहार है. इस दिन लड़कियां, महिलाएं अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करती हैं. क्या आप जानते हैं भाई के अलावा किसको राखी बांध सकते हैं.
ईश्वर को बांधें राखी
रक्षाबंधन पर पहली राखी ईश्वर को ही बांधनी चाहिए.भगवान को राखी घर का पुरुष और महिला दोनों बांध सकते हैं. बहुत सारे परिवार में सावन पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डूगोपाल को राखी बांधते हैं. अपने आराध्य देव को भी राखी बांध सकते हैं. ईश्वर हर संकट से हमारी रक्षा करते हैं.
श्रीकृष्ण को राखी
कुछ परिवारों में भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को पहली राखी बांधते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हम सबकी रक्षा ईश्वर ही करते हैं.भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट करने के लिए उन्हें अपना भाई मानकर राखी बांधना चाहिए.
सैनिक को बांधें राखी
सैनिक हमारी रक्षा के लिए परिवारवालों, समाज, मित्रों और सुख-सुविधाओं का छोड़कर घर से दूर खड़ा रहता है. इसलिए उनको राखी बांधकर अपनेपन का एहसास कराना चाहिए. रक्षाबंधन पर यदि महिलाएं सीमा पर या छावनी में जाकर सैनिकों को राखी बांधें तो उन्हें बहुत अच्छा लगेगा.
जिनके कोई बहन नहीं
कई भाई ऐसे होते हैं जिनकी बहन नहीं होती . उनके हाथ की कलाई सूनी रह जाती है. ऐसे लोगों में निराशा का भाव आता हैं लेकिन वे किसी से कहते नहीं. इसलिए इस राखी पर ऐसे व्यक्ति को भाई स्वीकारें और राखी जरूर बांधें. एक नया और प्यारा रिश्ता बन जाएगा.
गुरु और शिक्षक
व्यक्ति के जीवन में गुरु और शिक्षक का महत्वपूर्ण स्थान होता है. ईश्वर जन्म देता है तो गुरु मार्गदर्शन करता है. शिक्षक हमें अच्छे और बुरे का भेद बताता है. शिक्षक के बिना हमें न सत्कर्म का ज्ञान हो सकता है और न ही ईश्वर का. इसलिए समाज के प्रति उनके योगदान को देखते हुए राखी बांधकर उनका आभार प्रकट करना चाहिए.
यजमान को बांधे रक्षासूत्र
यजमान और पुरोहित का गहरा पारस्परिक संबंध होता है. सबसे प्राचीन परंपरा के अनुसार रक्षाबंधन पर पुरोहित अपने यजमान को राखी जरूर बांधते थे.हम सबको इस परंपरा को जरूर आगे बढ़ाना चाहिए.
पेड़-पौधे
पेड़ पौधों में भी प्राण होते है. प्रकृति हमें बहुत कुछ देती है. हिंदू धर्म में सभी प्रकार के पेड़-पौधों की पूजा का विधान है। ऐसे में रक्षाबंधन पर पेड़ पौधों को राखी बांधकर उनका आभार जताना चाहिए.
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