Rangbhari Ekadashi Ke Upay: प्रेमी जोड़े विवाह के लिए रंगभरी एकादशी पर कर सकतें हैं ये उपाय, बरसेगी कृपा
Rangbhari Ekadashi Ke Upay: मान्यता है कि आज के दिन किये गए कुछ उपाय से न सिर्फ वैवाहिक जीवन को सुधारा जा सकता है बल्कि प्रेम संबंध को अच्छा किया जा सकता है. कुछ अचूक उपायों को जान लेते हैं.
रंगभरी एकादशी
रंगभरी एकादशी के कुछ अचूक उपायों को अगर जीवन में अपनाएं तो विवाह से खो चुके प्यार व खुशी को फिर से पाया जा सकता है.
आमलकी/रंगभरी एकादशी
आमलकी/रंगभरी एकादशी का इस साल 19 मार्च को रात के 12 बजकर 22 मिनट से शुरू हो रहा है. 20 मार्च को रात के 2 बजकर 23 मिनट पर इसका समापन हो रहा है.
आमलकी एकादशी
20 मार्च को आमलकी एकादशी का व्रत पुष्य नक्षत्र में रखा जाएगा और व्रत का पारण का समय अगले दिन 21 मार्च को सुबह के 9 बजे से पहले करना होगा. (rangbhari ekadashi ke upay)
लाल रंग का गुलाल
रंगभरी एकादशी के दिन अगर पति-पत्नी या प्रेमी जोड़ा साथ मिलकर शिवजी व माता पार्वती की पूजाकर लाल रंग का गुलाल अर्पित करें तो रिश्ते में प्यार बढ़ता जाता है.
प्रेम संबंध में शांति
रंगभरी एकादशी के दिन अगर पति-पत्नी या प्रेमी जोड़ा मिलकर सफेद मिठाई का भोग भगवान शिव व माता पार्वती को लगाएं को प्रेम संबंध में शांति स्थापित हो पाता है.
संपन्नता और समृद्धि
रंगभरी एकादशी के दिन अगर पति-पत्नी या प्रेमी जोड़ा साथ में जल व दूध मिश्रित करके भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करें तो सुख, संपन्नता और समृद्धि बढ़ती रहती है.
प्रेम संबंध विवाह में बदलता है
रंगभरी एकादशी के दिन अगर पति-पत्नी या प्रेमी जोड़ा साथ में बेलपत्र और श्रृंगार सामग्री भगवान शिव व माता पार्वती को अर्पित करते हैं तो प्रेम संबंध विवाह में बदलता है.
रिश्ते में पैदा हुआ तनाव
रंगभरी एकादशी के अगर पति-पत्नी या प्रेमी जोड़ा साथ शिवजी और माता पार्वती को लाल कपड़े में लपेटें और उन पर बेलपत्र अर्पित करें तो रिश्ते में पैदा हुआ तनाव दूर होता है.
मधुरता स्थापित होने लगती है.
रंगभरी एकादशी के दिन अगर पति-पत्नी या प्रेमी जोड़ा साथ में रुद्राक्ष भगवान शिव और माता पार्वती को पूरे मन से अर्पित करें तो वैवाहिक जीवन में चल रहा कलेश दूर होता है और मधुरता स्थापित होने लगती है.
संतान सुख
रंगभरी एकादशी के दिन अगर पति-पत्नी या प्रेमी जोड़ा साथ में 11 बेलपत्र पर कुमकुम से भगवान शिव और माता पार्वती को ॐ लिखकर पूर्ण श्रद्धा से चढ़ाएं तो संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है.