जानें कैसे पड़ा शामली का नाम, यहां 850 वर्ष पुराने शिवलिंग पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण

ज्यादातर लोगों को इतना ही पता होगा कि शामली जो कभी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की चर्चित तहसील हुआ करता था अब एक जिला है लेकिन शामली का एक पौराणिक इतिहास भी है जो इसे महाभारत काल से जोड़ता है. यह भगवान श्याम की नगरी यानी श्यामली कहलाता था.

प्रदीप कुमार राघव Fri, 25 Oct 2024-12:15 pm,
1/10

महाभारत और मराठा काल का शामली का इतिहास

शामली के चार सिद्धपीठ शिवमंदिरों का इतिहास महाभारत और मराठा काल से जुड़ा है. कहा जाता है कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने अर्जुन के साथ कुरुक्षेत्र जाते समय यहां एक रात बिताई थी.

2/10

चारों दिशाओं में सिद्धपीठ

गुलजारी वाला शिव मंदिर, श्री हनुमान धाम में मनकामेश्वर मंदिर, भाकूवाला शिव मंदिर, और सदाशिव मंदिर - चारों दिशाओं में स्थित हैं, जहां 40 दिन तक जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

3/10

मराठा काल का 850 साल पुराना शिव मंदिर

कैराना रोड पर स्थित गुलजारी वाला शिव मंदिर का इतिहास 850 साल पुराना है और यह मंदिर मराठाकाल में बना था. श्रावण मास में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, और मंदिर का विशेष शृंगार किया जाता है.

4/10

शिवलिंग पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण

इस मंदिर का शिवलिंग स्वयंभू है और इसका निर्माण इस तरह किया गया है कि सूर्य की पहली किरण सीधे शिवलिंग पर पड़ती है. कांवड़ यात्रा के दौरान यहां भंडारा भी आयोजित होता है.

5/10

महाभारत काल का है भाकूवाला शिव मंदिर

माजरा रोड पर स्थित भाकूवाला शिव मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और यहां 51 फीट ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की गई है. विशेष रूप से शिवरात्रि के अवसर पर हजारों श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने आते हैं.

6/10

सदाशिव मंदिर में नर्मदाश्वेर महादेव

रेलपार मोहल्ले में स्थित सदाशिव मंदिर में नर्मदाश्वेर महादेव की मूर्ति है. इस मंदिर की खोज बाबा देव गिरी ने की थी, और सावन मास में यहां शिवपुराण कथा का आयोजन होता है.

7/10

मराठाकाल का ही है सदाशिव मंदिर

सदाशिव मंदिर का भी निर्माण मराठाकाल में हुआ था. शिवरात्रि के अवसर पर यहां भंडारा आयोजित किया जाता है और श्रद्धालु बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं.

8/10

मनकामेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी मान्यता

श्री हनुमान धाम में स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र जाते समय इस स्थान पर रात्रि विश्राम किया था.

9/10

हनुमान धाम में लगते हैं कई मेले

हनुमान धाम में द्वादश ज्योतिर्लिंग की स्थापना हो रही है. यहां सावन मास में कांवड़ शिविर, रामलीला आयोजन, दशहरा मेला और चैत्र में बुढ़ा बाबू का मेला आयोजित किया जाता है.

10/10

Disclaimer

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link