2024 में साकार होगा राम मंदिर का सपना, बरेली से प्रयागराज तक बदलेगी यूपी के धार्मिक नगरों की तस्वीर
उत्तर प्रदेश में साल 2024 राममंदिर का सपना पूरा हो जाएगा. इसके अलावा बहुत से धार्मिक स्थल ऐसे होंगे जिनका विकास किया जाएगा.
काशी विश्वनाथ मंदिर
दुनिया भर के सनातनियों की आस्था और विश्वास का बड़ा केंद्र है काशी विश्वनाथ मंदिर. यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. हाल के सालों में यह प्रसिद्ध मंदिर लगातार चर्चा में है. इसकी दो बड़ी वजह हैं पहली,इसका जीर्णोद्धार और दूसरा भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनना. 1780 में काशी विश्वनाथ मंदिर के निर्माण के करीब 250 साल बाद यहां बड़े बदलाव की नींव पड़ी. 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था.
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ayodhya Ram Mandir Pran Pratistha)
साल 2024 की 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ती का प्राण प्रतिष्ठा को आयोजित किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में यजमान के रूप में पीएम मोदी भी शामिल होंगे. इस समय राम मंदिर को लेकर तैयारी जोरो-शोरों पर हैं. इस दौरान लगभग 7000 हस्तियों को भी न्यौता दिया गया है. पांच दिन के इस विशेष अनुष्ठान में 17 जनवरी से इसकी शुरुआत वाराणसी के कर्मकांडी विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के सानिध्य में पूरी की जाएगी.
हनुमान मंदिर कॉरिडोर (Hanuman Temple Corridor)
प्रयागराज में संगम किनारे स्थित लेटे हनुमान मंदिर (Lete Hanuman Temple) भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. इसकी धार्मिक महत्ता को देखते हुए कॉरिडोर निर्माण की योजना बनाई गई. उत्तर प्रदेश की संगम नगरी में देश दुनिया से आने वाले संतों-भक्तों को महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) से पहले बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर (Bade Hanuman Temple Corridor) की सौगात मिल सकती है.
मथुरा में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर (Banke Bihari Temple Corridor in Mathura)
काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर मथुरा में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को भी बनाने की तै़यारी हो रही है. बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर में कई मायनों में खास होगा. जानकारी के मुताबिक बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने के तीन रास्ते होंगे, एक रास्ता जुगलघाट से सीधा मंदिर और दूसरा रास्ता विद्यापीठ चौराहे से होगा. जबकि तीसरा रास्ता जादौन पार्किंग से आएगा. 5 एकड़ क्षेत्रफल में बांके बिहारी कॉरिडोर बनेगा.
कानपुर का सिद्धनाथ मंदिर (Siddhnath Temple of Kanpur)
कानपुर के जाजमऊ स्थित भगवान भोलेनाथ का सिद्धनाथ मंदिर जिसे दूसरी काशी कहा जाता है, उसका कॉरिडोर बनाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले चरण की प्लानिंग कर ली गई है. पहले चरण में मंदिर के आसपास के क्षेत्र को विकसित कि
मां विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini Vindhya Corridor)
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर को भव्य स्वरूप देने के लिए विंध्य कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है. खबरों के मुताबिक परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. जल्दी ही मां विंध्यवासिनी मंदिर भव्य स्वरूप दिखेगा. विंध्य कॉरिडोर का कार्य युद्ध स्तर पर जारी. विंध्य कॉरिडोर का निर्माण काशी कॉरिडोर की तर्ज पर कराया जा रहा है. कॉरिडोर का निर्माण हो जाने के बाद सुरक्षा के साथ यहां पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी.
देवीपाटन मन्दिर (Devipatan Temple)
मां विंध्यवासिनी एवं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर देवीपाटन मन्दिर विकसित होगा. देश-विदेश में मां शक्ति के 51 शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन शक्तिपीठ यूपी के बलरामपुर में स्थित है. मन्दिर के उच्चीकरण और सुन्दरीकरण में उपयुक्त वास्तुकला का पूरा ध्यान रखा जाएगा. विश्व प्रसिद्ध मंदिर को कई पौराणिक कथाओं के साथ सिद्धपीठ होने का गौरव प्राप्त है.मान्यता है कि यहां माता सती का वाम स्कंध पट सहित गिरा था.
हरिद्वार हर की पौड़ी (Haridwar Har Ki Pauri)
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) की तर्ज पर हरिद्वार हर की पौड़ी कॉरिडोर (Har Ki Pauri Corridor) का निर्माण 2024 में शुरू कर दिया जाएगा.हर की पौड़ी कॉरीडोर के लिए कार्य चल रहा है. कोरिडोर बनने से हरिद्वार को एक खूबसूरत स्वरूप मिल जाएगा. हर की पैड़ी के लिए चार द्वार विकसित किए जाएंगे इसमें अपर रोड, भीमगोडा मार्ग, मोती बाजार, रोड बेलवाला क्षेत्र शामिल हैं.
Bareilly Nath Corridor: नाथ कॉरिडोर बरेली
बरेली के सातों नाथ मंदिरों तक श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए नाथ कॉरिडोर परियोजना के तहत सड़कों का चौड़ीकरण और सुंदरीकरण किया जाएगा. इस पर 43.09 करोड़ रुपये व्यय होंगे.
Barabanki Mahadeva Corridor: महादेवा में कॉरिडोर
सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा पर भगवान शिव की तीर्थ नगरी महादेवा को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना के लिए काम चल रहा है. पर्यटन के रूप में विकसित होने से न सिर्फ महादेवा बल्कि पूरे इलाके का विकास होगा. इस तीर्थ स्थल का न सिर्फ कॉरिडोर के रूप में विकास की योजना है, बल्कि यहां के लिए तमाम सुविधाओं पर भी विचार मंथन चल रहा है.