सीता के हाथ में घास का तिनका देख थर-थर कांपता था रावण, जानें जानकी की अनोखी कहानी
Ramayana Interesting Fact: रावण सीता जी का हरण कर उन्हें लंका तो ले आया था लेकिन जब कभी रावण ने सीता जी के पास जाने की कोशिश की सीता एक घास का तिनका अपने हाथ में उठाकर उसे देखने लगती थी और रावण दूर खड़ा थर-थर कांपने लगता था. आइये क्या है रामायण की यह अनोखी कहानी.
रावण की कैद में श्रीराम का स्मरण
रावण ने सीता जी का हरण कर उन्हें अशोक वाटिका में कैद कर दिया था, जहां वो एक वट वृक्ष के नीचे बैठकर केवल श्रीराम का स्मरण करती थीं. रावण बार-बार धमकाने आता था, लेकिन सीताजी मौन रहती थीं.
रावण का छल
रावण ने एक बार श्रीराम का रूप धारण कर सीताजी को भ्रमित करने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा. रावण ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी, फिर भी सीताजी उसे देख नहीं पाईं.
मंदोदरी की प्रतिक्रिया
अपने शयनकक्ष में पहुंचकर रावण ने मंदोदरी से कहा कि राम का रूप धारण करने के बाद भी सीता ने उसे देखा ही नहीं. रावण समझ नहीं पाया कि जगत जननी को छल से नहीं जीता जा सकता है.
घास का तिनका
रावण ने सीताजी से पूछा कि जब वह उससे बात करने आता है, तब वह एक घास का तिनका उठाकर उसे क्यों घूरती हैं. यह तिनका रावण के लिए एक रहस्य बना रहा, जबकि इसके पीछे जगत जननी सीता की शक्ति थी.
पहली बार अयोध्या में दिखी थी सीता की शक्ति
विवाह के बाद, सीताजी का अयोध्या में बड़े सम्मान के साथ गृह प्रवेश हुआ. एक पारंपरिक रस्म के तहत, उन्होंने खीर बनाई और राजा दशरथ, भाइयों और ऋषियों को परोसी, इसी दौरान पहली बार सीता जी की शक्ति सामने आई थी.
खीर में तिनका
सीताजी द्वारा परोसी गई खीर में अचानक हवा से एक छोटा घास का तिनका गिर गया. सीताजी ने उसे देख लिया, लेकिन उन्होंने बिना खीर को छुए, अपनी दृष्टि से तिनके को जला दिया.
राजा दशरथ का वचन
जिस वक्त सीता ने यह चमत्कार किया राजा दशरथ ने दूर से यह देख लिया था उन्होंने सीताजी को बुलाकर कहा, “जगत जननी होने के बावजूद, अपनी शक्तियों का उपयोग अपने शत्रुओं पर मत करना, जैसा तुमने आज उस तिनके के साथ किया.”
रावण और तिनका
सीताजी ने दशरथ जी को दिए वचन का पालन करते हुए, जब भी रावण आता था, घास का तिनका उठाकर उसकी ओर देखने लगती थीं. सीताजी चाहतीं तो अपनी दृष्टि से रावण को भस्म कर सकती थीं, लेकिन राजा दशरथ को दिए वचन के कारण उन्होंने ऐसा नहीं किया.
सीता से दूर रहने के पीछे एक श्राप भी
एक पौराणिक कथा के अनुसार, रावण ने एक सुंदर तपस्विनी का स्त्रीत्व भंग कर दिया तब तपस्विनी ने रावण को श्राप दिया था आज के बाद जब कभी किसी स्त्री की इजाजत के बगैर उसके पास जाने की कोशिश करेगा तो वह जलकर भस्म हो जाएगा. तपस्विनी ने यह भी कहा था अगर कोई स्त्री रावण के सामने घास का तिनका उठाएगी वह तिनका रावण को उसी समय भस्म कर देगा
Disclaimer
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.