Pitra Chalisa in Hindi: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का  विशेष महत्व माना जाता है. भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जिसका समापन अश्विन अमावस्या के दिन होता है. भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जिसका समापन अश्विन अमावस्या के दिन होता है. इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सिंतबर 2024 से हो रही है. जिनका समापन 2 अक्टूबर 2024 को होगा. पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए पूजा पाठ और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. पितरों की पूजा पाठ के दौरान आरती भी करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.


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पितर देव की आरती
जय जय पितर जी महाराज,
मैं शरण पड़ा तुम्हारी,
शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,
रख लेना लाज हमारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।


आप ही रक्षक आप ही दाता,
आप ही खेवनहारे,
मैं मूरख हूं कछु नहिं जानू,
आप ही हो रखवारे,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।


आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,
करने मेरी रखवारी,
हम सब जन हैं शरण आपकी,
है ये अरज गुजारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।


देश और परदेश सब जगह,
आप ही करो सहाई,
काम पड़े पर नाम आपके,
लगे बहुत सुखदाई,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।


भक्त सभी हैं शरण आपकी,
अपने सहित परिवार,
रक्षा करो आप ही सबकी,
रहूं मैं बारम्बार,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।


जय जय पितर जी महाराज,
मैं शरण पड़ा हू तुम्हारी,
शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,
रखियो लाज हमारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.