Rmadan Moon Date Time 2023: रमजान के चांद को लेकर तस्वीर साफ हो गई है. मुस्लिम धर्मगुरुओं के अनुसार, भारत में इस साल रमजान की तारीख 12 मार्च को शुरू होगा. 11 मार्च को चांद नजर आने के बाद 12 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा. मौलाना ने कहा, जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम किए किए गए. तरावीह की नमाज़ के लिए विशेष इंतजाम हैं. मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लोगों से अपील की है कि रमज़ान महीने में खूब इबादत और रोज़े रखें.इस मुबारक महीने में एक कुरान जरूर सुनें. 


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पहला रोजा
शाबान महीने के आखिरी दिन चांद का दीदार होने के बाद ही रमजान के सही तारीख का पता चलता है. हालांकि अधिक संभावना है कि रमजान की शुरुआत 11 मार्च से हो सकती है. अगर 11 मार्च को चांद नजर आता है तो 12 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा. यानी चांद नजर आने के अगले सुबह से रोजा रखने की शुरुआत हो जाती है. इस साल पहले रोजे की सहरी सुबह 5 बजकर 04 मिनट पर की जाएगी और इफ्तार शाम 06 बजकर 23 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल पहला रोजा 13 घंटे 19 मिनट का होगा. वहीं आखिरी रोजा 14 घंटे 14 मिनट का होगा.



रमजान के महीने में रोजेदारों इस्लाम धर्म के रीति रिवाजों के मुताबिक कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है. जो रोजेदार रोजा रखते हैं, उन्हें सहरी और इफ्तारी के मध्य में किसी भी चीज का खाना पीना मना होता है. किसी भी तरह की गलत आदतों से दूर रहना होता है.रोजे में तो मन मस्तिष्क में बुरे ख्याल भी दिमाग में नहीं लाए जाते हैं. 


चांद नजर आने के साथ ही तरावीह की होगी शुरुआत
चांद के दीदार के हिसाब से 11 या 12 मार्च को मुकद्दस रमजान का पवित्र महीना शुरू हो जाएगा. रमजान के पहले दिन से ही रोजा, नमाज, इबादत और तसवीह का सिलसिला शुरू हो जाएगा. रमजान इबादत व बरकतों का महीना है. इस महीने मुसलमान रोजे रखते हैं व नमाज के साथ तिलावते कुराए-ए-पाक करके अल्लाह की इवादत करते हैं. रोजा इफ्तार का सिलसिला भी इस दौरान देखने को मिलता है. 


आम पर्यटक नहीं कर सकेंगे रात में ताज का दर्शन
रमजान के दौरान दर्शन आम पर्यटक ताजमहल का दीदार नहीं कर पाएंगे. ताजमहल केवल नमाजियों के लिए खुलेगा. गेट पर एक रजिस्टर रखा जाएगा.  नमाजियों के आने-जाने का समय और आधारकार्ड, मोबाइल नंबर, घर का पता आदि ब्योरा दर्ज करना होगा.  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि इस माह रात्रि दर्शन नहीं होगा. केवल तरावीह के लिए ताज खोला जाएगा. हर नमाजी का रिकॉर्ड गेट पर रखा जाएगा


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