Weekly Vrat Tyohar 11 To 17 September 2023: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 11 से 17 सितंबर के बीच कई हिंदू तिथि पर व्रत त्योहार पड़ रहे हैं जिनका धार्मिक रूप से बहुत महत्व है. इस आने वाले सप्ताह में वराह जयंती से लेकर विश्वकर्मा पूजा और प्रदोष व्रत व मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है. आइए  इस आने वाले सप्ताह यानी 11 से 17 सितंबर के बीच पड़ने वाले व्रत त्योहार के बारे में विस्तार से जानते हैं. 


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12 सितंबर 2023, मंगलवार: प्रदोष व्रत
सितंबर महीने और हिंदी के भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत आने वाले मंगलवार यानी 12 सितंबर को पड़ रहा है. इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा. सभी प्रषोद व्रत में जो भी सोमवार, शनिवार को पड़ता है उसका बहुत महत्व होता है, इसका अलावा भौम प्रदोष व्रत का भी बहुत अधिक महत्व है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि को यानी 11 सितंबर को रात 11 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 13 तारीख की सुबह  02 बजकर 21 मिनट पर खत्म हो रहा है. पूजा मुहूर्त-शाम 06.30 से लेकर रात 08:49 बजे कर है. इस दौरान विधि विधान से व्रत रखा जा सकता है और पूजा की जा सकती है. 


13 सितंबर 2023,बुधवार: मासिक शिवरात्रि
भाद्रपद में सितंबर की 13 तारीख को मासिक शिवरात्रि पड़ रही है. इस दिन रात के 2 बजकर 21 मिनट से यह तिथि शुरू होकर 13 सितंबर की रात 3 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो रही है, इस तरह उदया तिथि में 13 सितंबर को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखना होगा. वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत सूर्योदय से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक होगा. प्रदोष काल में यदि पूजा करनी है तो शाम के 5 बजकर 11 मिनट से लेकर 8 बजकर 36 मिनट तक मुहूर्त अच्छा है. 


14 सितंबर 2023, गुरुवार: भादो पिठोरी अमावस्या
भाद्रपद अमावस्या सितंबर की 14 तारीख को है, पिठोरी या पिथौरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2023) के रूप में भी इसे जाना जाता है. आटे से मां दुर्गा समेत 64 देवियों की मूर्ति बनाने और उनकी पूजा करने का इस दिन विधान है. संतान को आरोग्य रहने का वरदान देवियां सुहिगनों को देती हैं. 14 सितंबर 2023 को सुबह के 04 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 15 सितंबर को सुबह के 07 बजकर 09 मिनट पर यह तिथि समाप्त हो रही है. स्नान-दान का समय सुबह के 04.43 से शुरू होकर सुबह 05.19 तक है. इसके बाद सुबह के 11.52 से लेकर दोपहर के 12.41 तक अभिजित मुहूर्त रहने वाला है.


17 सितंबर 2023, रविवार: विश्वकर्मा पूजा
कन्या संक्रांति पर 17 सितंबर को हर साल ही भगवान विश्कर्मा की जयंती मनाने का विधान है. दक्षिण भारत में सितंबर में और उत्तर भारत में फरवरी इस पर्व को मनाया जाता है. देवशिल्पकार भगवान विश्कर्मा जी की पूजा इस दिन की जाती है. 17 सितंबर को सुबह 07.50 मिनट से दोपहर 12.26 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. वहीं दोपहर के 01 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक फिर से शुभ मुहूर्त है. 


17 सितंबर 2023, रविवार: वराह जयंती 
वराह जयंती भी इस दिन पड़ रहा है. भगवान विष्णु की इस दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है.


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