Navratri Vrat Parana Niyam: शारदीय नवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है और माता दुर्गा के भक्त नवरात्रि का व्रत भी रख रहे हैं. कुछ लोग 9 दिनों तक जलाहार करते हैं तो कुछ लोग फलाहार पर ही माता दुर्गा की आराधना में लीन होते हैं. हालांकि नवरात्रि का व्रत खोलने के दौरान कई लोग कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं. जिससे उन्हें नवरात्रि के व्रत का फल तक नहीं मिल पाता है. व्रत को थोड़ते समय कोई चूक न हो इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. ऐसे में कुछ खास बातें जाननी होंगी ताकि किसी भी तरह की कोई गुंजाइश न रह जाए. इस तरह व्रत खोलने से माता दुर्गा की कृपा के भक्त पात्र बन सकते हैं.


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नवमी की रात्रि का नवरात्रि में है विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो नवरात्रि के दौरान नवमी की रात्रि का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन माता दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की आराधना की जाती है. लेकिन कई लोग ऐसा भी करते हैं कि अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा अर्चनाकर नवमी की सुबह पूजा और हवन करते है और इसी तिथि पर व्रत खोलते हैं. सबकी अपनी मान्यता है. लेकिन ये जानना जरूरी है कि व्रत कब खोलना सही है. 


विजयदशमी को ही व्रत खोलना सही
मान्यता है कि नवमी की रात्रि को भी जरूर व्रत रखना चाहिए और दसवीं की सुबह ही व्रत खोलना चाहिए. ऐसा करने से मनोवांछित लाभ होता है. ऐसे में नवरात्रि का व्रत रखने वाले लोगों को जरूरी ध्यान रखना चाहिए. विजयदशमी को ही व्रत खोलना सही बताया गया है. हालांकि, 


मां को चढ़ाए अक्षत से व्रत तोड़ने पर मिलता है अक्षय वरदान
मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि का व्रत रखने के बाद नमक का सेवन सीधे-सीधे नहीं करना चाहिए. व्रत खोलने के लिए कुछ मीठा जैसे कि हलवा, मालपुआ का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा मां दुर्गा को जो महाप्रसाद नवमी की तिथि को लगाए गए थे उसे व्रत खोलते समय सेवन करें, इसे उचित माना गया है. अगर नवरात्रि के व्रत के बाद माता दुर्गा की विशेष कृपा पानी है तो माता दुर्गा को चढ़ाए गए अक्षत से व्रत खोलना उचित माना गया है. इससे अक्षय वरदान की प्राप्ति होती है.


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