Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि में भक्त नौ दिन का व्रत रखते हैं (Navratri Fast) और मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं. नवरात्रि के दिनों में सात्विक भोजन (Satvik) करने की परंपरा है ऐसे में इन दिनों में साधक प्याज लहसुन का भी सेवन नहीं करते हैं. हालांकि, लगभग सभी व्रत में लहसुन और प्याज खाने की मनाही होती है. सवाल ये है कि ऐसा क्यों हैं? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं. नवरात्रि के दौरान प्याज लहसुन नहीं खाने के पीछे क्या धार्मिक मान्यताएं हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्याज लहसुन का राहु केतु से संबंध
पौराणिक कथाओं की मानें तो राहु और केतु का प्रतीक प्याज और लहसुन को माना जाता है. जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया तो कई दिव्य वस्तुएं निकलीं, जैसे अमृत का कलश, एरावत हाथी, मां लक्ष्मी. भगवान विष्णु असुरों को अमृत पान कराना नहीं चाहते थे ऐसे में उन्होंने अमृत बांटने के लिए मोहिनी रूप धारण कर अमृत देवताओं में बांट दिया. 


हालांकि पूरे प्रयास के बाद भी एक असुर वेश बदलकर देवताओं के साथ बैठ गया और अमृत पान कर लिया. हालांकि भगवान विष्णु ने उसे पहचान लिया और सुदर्शन चक्र से उसका सिर काटकर धड़ से अलग कर दिया. अमृत पान करते समय असुर के गले तक ही अमृत पहुंचा था ऐसे में चक्र से वो नहीं मरा और असुर का सिर राहु और धड़ केतु के रूप में विचरण करने लगा और अमर हो गए हैं. कहते हैं कि असुर का सिर कटने से दो बूंद रक्त धरती पर गिरा जिससे प्याज और लहसुन बना. 


प्याज लहसुन तामसिक भोजन
प्याज लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है. जिसके सेवन से मानव में तामसिक इच्छाएं आती हैं और सकारात्मक उर्जा कम होने लगती है. नवरात्रि के समय वातावरण को शुद्ध और सात्विक रखना चाहिए इसके लिए प्याज लहसुन खाना मना होता है. आयुर्वेद की माने तो प्याज लहसुन को शरीर में गर्मी बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ माना गया है और नवरात्रि के दिनों में भक्तों को सरल और सादा भोजन करना चाहिए ऐसे में प्याज लहसुन का सेवन करना निषेध कर दिया जाता है.


और पढ़ें- सजा लो दरबार मां अंबे आने वाली हैं...भक्ति से भरपूर इन संदेशों से भेजें अपनों को नवरात्रि की शुभकामनाएं 


और पढ़ें- Chandra Gochar 2024: मन के कारक चंद्रमा का राशि गोचर इन दो राशियों के लिए होगा शुभ, चांदी ही चांदी