Shukrawar Ke Upay: शुक्रवार को मां लक्ष्मी की रहस्य नामावली का करें जप, खिंचा चला आएगा धन
Shukrawar Ke Upay: धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो शुक्रवार को पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी की रहस्य नामावली का जप करें.
Shukrawar Ke Upay: आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज दिन शुक्रवार है. हिंदू धर्म में यह दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है. मान्यता है कि जिस पर देवी की कृपा होती है, उसके जीवन में किसी प्रकार का आर्थिक संकट नहीं आता है. उनके आशीर्वाद से व्यक्ति की धन-दौलत में वृद्धि होती है. यही वजह है कि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा-पाठ, उपाय आदि करते हैं. अगर आप भी आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो शुक्रवार को मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें. इसके साथ ही देवी लक्ष्मी की रहस्य नामावलि का जाप करें. देवी की यह रहस्य नामावली धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यधिक प्रभावी मानी गई है.
देवी लक्ष्मी की रहस्य नामावली| देवी लक्ष्मी रहस्य नाम
ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं मन्त्रलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं मायालक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं मतिप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं मेधालक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं मोक्षलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं महीप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं वित्तलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं मित्रलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं मधुलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं कान्तिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं कार्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं कीर्तिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं करप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं कन्यालक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं कोशलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं काव्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं कलाप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं गजलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं गन्धलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं गृहलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं गुणप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं जयलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं जीवलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं जयप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं दानलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं दिव्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं द्वीपलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं दयाप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं धनलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं धेनुलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं धनप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं धर्मलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं धैर्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं द्रव्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं धृतिप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं नभोलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं नादलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं नेत्रलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं नयप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं नाट्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं नीतिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं नित्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं निधिप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं पूर्णलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं पुष्पलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं पशुप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं पुष्टिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं पद्मलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं पूतलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं प्रजाप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं प्राणलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं प्रभालक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं प्रज्ञालक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं फलप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं बुधलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं बुद्धिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं बललक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं बहुप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं भाग्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं भोगलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं भुजलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं भक्तिप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं भावलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं भीमलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं भूर्लक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं भूषणप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं रूपलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं राज्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं राजलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं रमाप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं वीरलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं वार्धिकलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं विद्यालक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं वरलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं वर्षलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं वनलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं वधूप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं वर्णलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं वश्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं वाग्लक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं वैभवप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं शौर्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं शान्तिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं शक्तिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं शुभप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं श्रुतिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं शास्त्रलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं श्रीलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं शोभनप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं स्थिरलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं सिद्धिलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं सत्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं सुधाप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं सैन्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं सामलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं सस्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं सुतप्रदायै नमः।
ह्रीं क्लीं साम्राज्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं सल्लक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं ह्रीलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं आढ्यलक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं आयुर्लक्ष्म्यै नमः।
ह्रीं क्लीं आरोग्यदायै नमः।
ह्रीं क्लीं श्री महालक्ष्म्यै नमः।
॥ इति श्री महालक्ष्म्याः रहस्यनामावलिः सम्पूर्णा ॥
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