Somvati Amavasya 2023 : सावन का महीना चल रहा है. सावन का पहला सोमवार बीत गया है. दूसरा सोमवार आने वाला है. सावन के सोमवार पर पड़ने वाली आमावस्‍या को सोमवती आमावस्‍या कहा जाता है. कहा जाता है कि सोमवती अमावस्‍या को पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान धर्म कर सकते हैं. इस दिन पिंडदान करने का विशेष महत्‍व है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह है मान्‍यता 
मान्‍यता है कि अगर किसी के घर में पितृ दोष है तो सोमवती अमावस्‍या के दिन उपाय उत्‍तम माना जाता है. इस दिन कुछ आसान उपाय कर अपने नाराज पितरों को मना सकते हैं. जानकारों के मुताबिक, इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी नदी, जलाशय या कुंड में स्नान करें. इसके बाद सूर्य भगवान को अर्घ्य दें. 


पितरों से मुक्ति मिलेगी 
इसके बाद अपने पितरों के निमित्त तर्पण करें. सावन की सोमवती अमावस्या के दिन आप शिव पूजा भी कर सकते हैं. इसके बाद कम से कम 108 बार शिव गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं. यही प्रक्रिया आप शाम को भी कर सकते हैं. इससे नाराज पितृ प्रसन्‍न होते हैं. यानी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.  


यह है शिव गायत्री मंत्र 
सोमवती अमावस्‍या पर 'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात.' का जाप करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा होती है. इसके अलावा पितरों से भी मुक्ति मिलती है. बताया जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से पितरों की आत्‍मा को शांति मिलती है. साथ ही सोमवती आमावस्‍या पर गरीबों को दान भी करना चाहिए. 


पीपल की पूजा करें 
इसके अलावा इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी आदि का वृक्षारोपण करना भी शुभ माना जाता है. इन वृक्षों में देवताओं का वास माना जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें. इस पर जनेऊ और तेल का दीपक अर्पित करें. साथ ही इस दिन नदी या तालाब में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं शुभ होगा. 


WATCH: सावन में करें बेलपत्र के ये टोटके, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम