Somvati Amavasya 2023: आज सावन मास का दूसरा सोमवार है और सोमवती अमावस्या का संयोग भी  है. सभी श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं. अलग-अलग जगह पर  भक्त गंगा स्नान कर रहे हैं. धर्म शास्त्रों में सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. यूपी हो या उत्तराखंड सभी भक्त गंगा स्नान करने के लिए भारी संख्या में उमड़े हैं.


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सोमवती अमावस्या स्नान
हरिद्वार में आज सोमवती अमावस्या के स्नान पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने पितरों के निमित्त पूजा अर्चना की. सोमवती अमावस्या के साथ साथ आज सावन का दूसरा सोमवार भी हैं,जिस कारण यह स्नान और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया.  पंजाब,राजस्थान,उतर भारत के तमाम राज्यों से श्रद्धालू मां गंगा में स्नान के लिए पहुंचे.  पुलिस की व्यवस्था भी चाक चौबंद है.


बम-बम के जयकारों से गूंज उठा श्री लोधेश्वर महादेवा धाम
यूपी के बाराबंकी में श्री लोधेश्वर महादेवा धाम बम-बम के जयकारों से गूंज उठा है. श्रद्धालु दूर-दूर से पैदल चलकर लोधेश्वर महादेवा धाम में पहुंच रहे हैं. लोधेश्वर महादेवा धाम में सावन के दूसरे सोमवार पर भारी संख्या में भक्तों ने पहुंचकर जलाभिषेक किया. प्रशासन की चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. कोने-कोने पर सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन से मेले की निगरानी की जा रही है.


फर्रुखाबाद-सावन के दूसरे सोमवार को भगवान शिव की मंदिरों में धूम
पौराणिक इतिहास के अनुसार फर्रुखाबाद को आध्यात्मिक जिला अभी कहा जाता है और इसे छोटी काशी भी कहा जाता है यानी अपरा काशी भी फर्रुखाबाद को कहा जाता है. यहां काशी के बाद सबसे ज्यादा शिवालय हैं. यहां हर गली मोहल्लों में आपको शिव मंदिर देखने को मिल जायेगा. उसमें से प्रमुख शिव मंदिर पण्डाबाग (पाण्डेश्वर नाथ मंदिर) मंदिर है जिसे फर्रुखाबाद के लोग इसी नाम से जानते है जो कि फर्रुखाबाद के रेलवे रोड पर स्थित पांडेश्वर नाथ मंदिर है. फर्रुखाबाद के लोगों में पण्डाबाग मंदिर के नाम से मशहूर है जैसा कि कहा जाता है इस मंदिर की स्थापना अज्ञातवास के समय पांडवों ने की थी. उस समय पाण्डवों ने पतित पावनी भागीरथी के तट पर स्थित अपराकाशी यानि फर्रुखाबाद की ऐतिहासिक नगरी में निवास किया था. निवास के दौरान पांडव प्रतिदिन भागीरथी के (गंगा ) स्नान करने जाते थे लेकिन अपने आराध्य को पूजने के लिए कोई मंदिर नहीं था. उसके बाद पांडवो ने इस मंदिर की स्थापना की जो आगे चलकर पण्डाबाग मंदिर के नाम से फर्रुखाबाद जिले समेत आसपास के जिलों में मशहूर हुआ. पांडवों द्वारा जिस घाट का इस्तेमाल स्नान के लिए जाता उसे घटिया घाट कहा जाता था. अब घटियाघाट को पांचालघाट कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पांडेश्वर नाथ मंदिर अति प्राचीन मंदिर है. मंदिर प्रांगण में ही बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए जो कहीं आ जा नहीं सकते है ऐसे शिव भक्तों के लिए शिव मंदिर के पीछे प्रांगण में बारह ज्योतिर्लिंगों की स्थापना कर एक भव्य शिव मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग मंदिर की स्थपना की गयी है. जिसमें एक साथ बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये जा सकते है. 


शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ 
यूपी के ही बरेली में सावन के दूसरे सोमवार पर शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली है. अलखनाथ मंदिर में सुबह 3:00 बजे से ही भक्तों का आने का सिलसिला शुरू हो गया था और 1 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी भक्तों की लाइन देखने को मिली. हजारों की तादाद में भक्तों ने बाबा अलखनाथ का जलाभिषेक किया. ऐसी मान्यता है कि बाबा बालक नाथ मंदिर में जो शिवलिंग है वह स्वयंभू शिवलिंग है. बरगद के विशालकाय पेड़ के जड़ में शिवलिंग स्थापित है. मंदिर में लोगों की विशेष आस्था जुड़ी हुई है जिसके चलते दिनभर भक्तों ने बाबा अलखनाथ का जलाभिषेक किया. ऐसा ही नजारा बरेली के श्री वीर नाथ मंदिर धोपेश्वर नाथ मंदिर बनखंडी नाथ मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर सहित श्री वालों में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.


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चित्रकूट में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब 
भगवान राम की तपोभूमि धर्मिक नगरी चित्रकूट में आज सोमवती अमावस्या में लगभग 20 से लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं, जहां मन्दाकिनी स्नान के बाद कामदगिरि की परिक्रमा लगा रहे हैं. धार्मिक नगरी में आज सरकार से श्रद्धालुओं पर विमान से पुष्पवर्षा की गई. धर्मिक नगरी चित्रकूट में ऐसी मान्यता है कि यहां प्रभु राम कण कण में विराजमान हैं इसलिए यहां प्रति माह लाख की संख्या में श्रद्धालू पहुचते हैं और कामदगिरि की परिक्रमा कर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.


मनकामेश्वर मंदिर में आस्था का सैलाब
आज सावन के दूसरे सोमवार में सोमवती अमावस्या होने के कारण आज का दिन और भी ज्यादा खास हो गया है. लखनऊ के सबसे प्राचीन और दिव्य मनकामेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 4 बजे से ही भक्तों की कतारें लगी हैं. हर कोई भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करके अपनी मनोकामनाएं मांगने पहुंचा है. मंदिर की महंत दिव्या गिरी ने बताया कि आज का दिन कई दशकों के बाद आया है जब सोमवती अमावस्या में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा करने से विशेष कृपा होगी. लेकिन जो लोग मंदिर नहीं पहुंच सकते वह अपने घरों से भी पूजा कर सकते हैं उन पर भी बाबा भोलेनाथ उतनी ही कृपा बरसाएंगे.


शिवमय हुआ माहौल
बदायूं शहर के बिरुआ बाड़ी मंदिर,गौरीशंकर मंदिर,दरीबा शिवालयों पर भक्तों की भीड़ लगी हुई है. कछला गंगा घाट से जल लेकर भक्त कांवरिए  लगातार पहुंच रहे हैं . मंदिरों के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. कछला से आने वाले कांवरियों की सुरक्षा को देखते हुए कई जगह रूट डायवर्ट बेलपत्र,धतूरा,गंगा जल चढ़ा रहे हैं.


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