Tulsi Vivah 2024: तुलसी और शालीग्राम जी का विवाह इस साल 5 नवंबर 2024 को होने वाला है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन अगर कुछ विशेष उपाय कर लिए जाएं तो शादीशुदा जीवन की समस्याएं दूर होंगी. इसके अलावा जिन लोगों की शादी नहीं हो रही है वो भी कुछ कारगर उपाय कर सकते हैं. कुछ शक्तिशाली और आसान उपायों के करने से श्रीहरि और माता तुलसी अपने भक्तों को आशीर्वाद देती है और कृपा करती हैं. आइए तुलसी विवाह के उपाय विस्तार से जान लें. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तुलसी विवाह 2024 उपाय


  • शास्त्रों के अनुसार दांपत्य जीवन में अगर खुशहाली चाहिए तो तुलसी विवाह के दिन पति-पत्नी को पवित्र नदी में स्नान करें और तुलसी जी की पूजा करें. 

  • तुलसी के पत्ते तोड़कर उन्हें शुद्ध जल में डालें और फिर पूरे घर में छिड़कें. पति पत्नी के बीच मधुरता बढ़ेगी. 

  • विवाह में देरी हो रही है या बाधा है तो तुलसी विवाह पर किसी गरीब या असहाय व्यक्ति की बेटी का कन्यादान करने का संकल्प लें. विवाह में देरी की दिक्कत दूर होगी. 

  • वैवाहिक जीवन में अगर तनाव है, शादी के बाद प्रेम में कमी आ चुका है तो तुलसी विवाह पर पति-पत्नी को मिलकर देवी तुलसी को लाल चुनरी चढ़ाना चाहिए. इन चुनरी को अगले दिन किसी सुहागिन को दान करें. मनमुटाव दूर होगा और प्रेभ बढ़ेंगा.

  • भगवान विष्णु को तुलसी जी अतिप्रिय हैं तो उनके भोग में जरूर तुलसी दल डालें और तब अर्पित करें. इससे प्यार, मनचाहा जीवनसाथी मिलने का आशीर्वाद मिलता है. शादी बाधाएं दूर होती है. हालांकि एकादशी पर तुलसी पत्र कतई नहीं तोड़ना चाहिए और न ही पानी डालना चाहिए. 

  • तुलसी विवाह पर पति-पत्नी साथ मिलकर शालीग्राम जी को बोर, भाजी, आंवला जैसे भोग अर्पित करें. 


तुलसी विवाह मंत्र 
सुयोग्य जीवनसाथ प्राप्त करने के लिए तुलसी विवाह पर इस मंत्र का जाप करें- 
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।  


डिस्क्लेमर- यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.


और पढ़ें- छठ पूजा पर डूबते सूर्य को कितने बजे दें अर्घ्य, जानें गोरखपुर-बनारस से लेकर आपके शहर में सूर्यास्त का सही समय 


और पढ़ें-Chhath Puja 2024: सूर्य देव को पानी में खड़े होकर ही क्यों दिया जाता है अर्घ्य? छठ पर्व की इस परंपरा के पीछे है बड़ा रहस्य