Ganesh Chaturthi 2023: आपके घर में विराजमान श्री गणेश जी की सूंड दाईं ओर है या बाईं, जानें कौन सी प्रतिमा है आपके लिए शुभ
Ganesha Soond Facts: अक्सर कुछ लोग सूंड के बारे में बिना सोचे विचारे श्री गणेश की प्रतिमा घर ले आते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि श्री गणेश की सूंड किस ओर होनी चाहिए?
Ganesh Chaturthi 2023- सनातन धर्म में किसी भी प्रकार की पूजा या शुभ कार्य की शुरुआत गणपति पूजा से होती है. हर हिन्दू घर में गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति होती है. लेकिन क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाईं या कुछ में बाईं ओर क्यों होती है. सीधी सूंड वाले गणेश भगवान की प्रतिमा मिलना दुर्लभ होता है. इनकी एक तरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है.
गणेश जी की दाईं ओर की सूंड का महत्त्व
मान्यता है कि दक्षिणाभिमुखी गणेश जी की पूजा काफी कठिन होती है, क्योंकि ये जागृत व क्रोधित माने जाते हैं. दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धिविनायक कहलाते हैं. यदि इनकी सही विधि विधान से पूजा नहीं की जाए तो ये रुष्ट हो जाते हैं. ऐसे में आमतौर पर दक्षिणाभिमुख गणेश जी की पूजा नहीं की जाती है. इनकी पूजा के अभीष्ट फल मिलते हैं. गणपति जी की दाईं ओर मुड़ी सूंड में सूर्य का प्रभाव माना गया है. दक्षिणाभिमुखी गणेश जी की पूजा यमराज के भय से मुक्त कर आयु, ओज व तेज बढ़ाने वाली होती है. दाईं ओर मुड़ी सूंड वाली प्रतिमा का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी माना जाता है. यदि आप किसी कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंसे हैं या राजनीति से जुड़े हैं तो आपको दाईं ओर मुड़ी सूंड वाली प्रतिमा का पूजन करना चाहिए.
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गणेश जी की बाईं ओर की सूंड का महत्त्व
गणपति जी की बाईं ओर मुड़ी सूंड में चन्द्रमा का प्रभाव माना गया है. ऐसी प्रतिमा की पूजा स्थायी कार्यों के लिए की जाती है. जैसे शिक्षा, धन प्राप्ति, व्यवसाय, उन्नति, संतान सुख, विवाह, सृजन कार्य और पारिवारिक खुशहाली. घर के मुख्य द्वार पर भी गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर लगाना शुभ होता है. यहां बाईं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी की स्थापना करना उचित है. बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी विघ्नविनाशक कहलाते हैं. जब हम कहीं बाहर जाते हैं तो कई प्रकार की बलाएं, विपदाएं या नेगेटिव एनर्जी हमारे साथ आ जाती है. जब हम घर में प्रवेश करते समय णेशजी के दर्शन करते हैं तो इसके प्रभाव से यह सभी नेगेटिव एनर्जी वहीं रुक जाती है. हमारे साथ घर में प्रवेश नहीं कर पाती.
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