लखनऊ : माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय को लेकर सपा में उठे विवादों के बाद यादव परिवार के सभी प्रमुख नेता आज पहली बार एक साथ एक मंच पर दिखे लेकिन दोनों धड़ों के बीच तल्खी साफ नजर आयी।


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मौका था, सपा महासचिव रामगोपाल यादव के जन्मदिन के मौके पर उनकी किताब ‘संसद में मेरी बात’ के विमोचन का। इस कार्यक्रम में शिवपाल यादव सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के साथ देर से पहुंचे और लोगों की भीड़ में बैठ गये।


वरिष्ठ नेताओं द्वारा मंच पर बुलाये जाने पर शिवपाल और अमर मंच पर भी पीछे बैठे। फिर उन्हें आगे आने के लिए कहा गया तो वे सबसे आगे की पंक्ति में आकर बैठ गये, लेकिन इस दौरान शिवपाल ने ना तो रामगोपाल को उनके पास जाकर जन्मदिन की बधाई दी और ना ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा मुखिया मुलायम से नजरें मिलायीं।


शिवपाल का अपने चचेरे भाई रामगोपाल को जन्मदिन पर बधाई ना देना कार्यक्रम में मौजूद लोगों को अजीब लगा। इससे साफ इशारा भी मिल गया कि विलय विवाद के बाद यादव परिवार ऊपरी तौर पर भले ही एक दिखे लेकिन उसमें मनभेद मौजूद है।


मालूम हो कि लम्बा आपराधिक इतिहास रखने वाले मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा मंत्री शिवपाल यादव के बीच मतभेद उजागर हुए थे। शिवपाल ने जहां कौएद के सपा में विलय का पुरजोर समर्थन किया था. वहीं अखिलेश इसके सख्त खिलाफ थे।


पिछले शनिवार को सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक में कौएद के सपा में विलय को रद्द कर दिया गया था। इसे शिवपाल की प्रतिष्ठा के लिये बड़ा झटका माना गया था। माना जा रहा है कि इसीलिये वह अखिलेश और सपा मुखिया से बेहद नाराज हैं।