नई दिल्‍ली : लोकसभा चुनावों से पहले यूपी में सपा और बसपा के बीच हुए महागठबंधन में अब अजित चौधरी की पार्टी आरएलडी को भी एंट्री मिल गई है. सूत्रों के अनुसार दोनों दलों के बीच अब तक 3 सीटों पर सहमति बनती दिख रही है. इनमें बागपत, मथुरा के साथ मुजफ्फरनगर सीट भी आरएलडी को मिल सकती है, लेकिन हाथरस की सीट पर पेंच फंस गया है. आरएलडी इस सीट की मांग कर रही है. लेकिन सपा इस सीट को देने के लिए राजी नहीं है. इसके अलावा कैराना सीट पर भी दोनों के बीच बात नहीं बनी. आरएलडी इस सीट को अपने पास रखना चाहती है, लेकिन सपा इसे देने के लिए तैयार नहीं है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जयंत चौधरी लखनऊ में अखि‍लेश से मुलाकात के बाद अब दिल्‍ली आ गए हैं. संभव है कि अब उनकी इस मुद्दे पर मायावती से मुलाकात होगी. माना जा रहा है कि बीएसपी प्रमुख भी इस गठबंधन को हरी झंडी दिखाएंगी.


कर्नाटक में सियासी उथल-पुथल के बीच कुमारस्वामी ने देखा बेटे की फिल्म 'कुरुक्षेत्र' का ट्रेलर


कैराना सीट क्‍यों चाहती है आरएलडी
आरएलडी कैराना सीट चाहती है. यहां पर उसके चुनाव चिन्‍ह पर अभी सपा की सांसद है. इसलिए वह इस सीट को अपने पास रखना चाहती है. लेकिन एसपी ये सीट उसे नहीं देना चाहती.


जाट वोटों पर आरएलडी की है पकड़
माना जाता है कि पश्‍चिमी यूपी में जाट वोटों पर अब भी अजित सिंह की पकड़ मजबूत बनी हुई है. दो उपचुनावों में ये बात साबि‍त भी हुई है. इसीलिए अखिलेश यादव अपनी सीटें देकर भी उनकी पार्टी को महागठबंधन का हिस्‍सा बनाना चाहते हैं. पिछले चुनावों में जाटों ने उनका साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. यही कारण था कि अज‍ित सि‍ंह अपनी भी सीट नहीं बचा पाए थे. वहीं उनके बेटे जयंत चौधरी मथुरा सीट से भी चुनाव हार गए थे. लेक‍िन इस चुनाव में पिता पुत्र की जोड़ी को भरोसा है कि जाटों के वोट एक बार फ‍िर से उन्‍हें हास‍िल होंगे.