लखनऊ: अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले के पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कई बड़े कदम उठाए हैं. अभी एक दिन पहले जहां आरएसएस ने ट्वीट करके सौहार्द बनाए रखने की बात की. वहीं, दूसरी ओर अपने कई प्रस्तावित कार्यक्रमों को या तो स्थगित कर दिया है या फिर उसके वृहद रूप को छोटा कर दिया है.


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आरएसएस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से अपने ट्वीट में कहा था, “आगामी दिनों मे श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है. निर्णय जो भी आए, उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देशभर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है. इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है.”


असल में आरएसएस की एक बड़ी बैठक 31 अक्टूबर से 5 नवम्बर के बीच हरिद्वार में प्रस्तावित थी. इस बैठक में आरएसएस के बड़े पदाधिकारियों के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भी हिस्सा लेना था. परंतु अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए आरएसएस ने एक अलग ट्वीट के जरिये हरिद्वार बैठक का स्थान बदलने की जानकारी दी.


सूत्रों की मानें तो, बैठक का स्थान बदलने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले के मद्देनजर लिया गया है. जहां एक ओर इस बैठक में आरएसएस के सभी अनुसंगिक संगठनों के प्रचारकों को भी हिस्सा लेना था. वहीं, दूसरी ओर दिल्ली में हो रही बैठक में कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों के उपस्थित होने की ही अपेक्षा की गयी है.


विश्व हिन्दू परिषद के एक वरिष्ठ प्रचारक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उनको भी हरिद्वार वाली बैठक में जाना था. किन्तु, वो कार्यक्रम अब निरस्त कर दिया गया है. यह ही नहीं आरएसएस के अनुसांगिक संगठन जिसको एकल विद्यालयों का दायित्व है, को लखनऊ में 17, 18 एवं 19 नवम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर एकल कुम्भ का आयोजन करना था, किन्तु वो भी स्थगित हो गया है.


ये ही नहीं आगरा में एबीवीपी का राष्ट्रीय अधिवेशन भी आगरा में 22 नवम्बर से 25 नवम्बर तक प्रस्तावित है. हालांकि, उसके निरस्त होने की फिलहाल अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. लेकिन, पदाधिकारियों का मानना है कि जिस तरह आरएसएस के सभी कार्यक्रम निरस्त हुए हैं. ऐसे में कम ही संभावना है कि एबीवीपी का राष्ट्रीय अधिवेशन भी हो पाये.


आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों का मानना है कि बैठकों के दूसरी जगह होने से वो मीडिया कि सुर्खियां बटोरती हैं और फिलहाल फैसले के मद्देनजर सभी की कोशिश यही है कि माहौल सौहार्दपूर्ण रहे. इसीलिए सभी प्रचारकों से यह अपेक्षा कि गयी है कि वो अपने निर्धारित केंद्र पर ही प्रवास करें.


आरएसएस के ट्वीट के बाद ही आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉं बोर्ड के सदस्य और लखनऊ की ईदगाह मस्जिद के इमाम मौलाना फिरंगी महली ने भी लोगों से सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने कि अपील की है. फिलहाल सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई हैं.