वाराणसी के बड़े गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाए जाने के बाद से एक नए विवाद ने जन्म ले लिया था. बहस छिड़ गई थी कि साईं बाबा देवता हैं या नहीं और हिंदू उन्हें पूजें या नहीं. इस बीच वाराणसी से ही एक बड़ी खबर सामने आई है कि मूर्ति हटाने के अभियान चलाने वाले संगठन सनातन रक्षक दल प्रमुख को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 


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कौन है अजय शर्मा
आपको बता दें कि अजय शर्मा सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं. कल पुलिस ने देर रात उन्हें हिरासत में लिया. पुलिस के मुताबिक शांति भंग की आशंका के चलते यह कार्रवाई की गई है. पुलिस उपायुक्त गौरव बंसवाल ने बताया कि सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा को बुधवार को शांति भंग के मामले में हिरासत में लिया गया. आपको बता दें कि अजय शर्मा ने वाराणसी के 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्ति हटवाई. उनके अभियान में बाकी मंदिरों से भी साईं की मूर्तियां हटाए जाने की योजना थी. अजय शर्मा ने इससे पहले कहा था कि धर्मनगरी काशी में जब सनातन धर्म के देवी देवता विराजमान हैं तो भला चांद मियां उर्फ साईं को काशी के देवालयों में क्यों पूजा जाए. 


साईं भक्तों ने की थी शिकायत
पुलिस ने बताया कि इस संबंध में उन्हें साईं भक्तों और साईं मंदिर के प्रबंधकों की ओर से शिकायत मिली थी. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. बता दें कि साईं भक्त साईं मूर्ति की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं. उन्हें साईं की मूर्ति हटाए जाने से आपत्ति है. वे चाहते हैं कि साईं का निरादर नहीं किया जाए.


साईं को पूजे जाने को लेकर विवाद 


ऐसा पहली बार नहीं है जब साईं को पूजे जाने को लेकर विवाद हो रहा है. आपको बता दें कि शिरडी के साईं बाबा 19वीं सदी में जन्मे थे. वे दुनिया में 1918 तक रहे. अपने जीवनकाल में उन्होंने बहुत से चमत्कार दिखाए जिसके बाद से उनके चाहने वालों की संख्या बढ़ती गई. सनातन मतावलंबियों के एक तबके का मानना है कि जब साईं इंसान के रूप में जन्मे और फकीर थे तो भला उनकी पूजा क्यों हो. हालांकि साईं के चाहने वाले उन्हें आध्यात्मिक गुरु के तौर पर पूजते हैं और संत मानते हैं. उन्हें हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्त मानते हैं.  


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