हरिद्वार: महाकुम्भ 2021 की तैयरियों से नाखुश संत, सरकार पर लगाए आस्था पथ से खिलवाड़ के आरोप
आगामी 2021 में यहाँ महाकुम्भ का आजाग होने वाला है, मगर महाकुम्भ की तैयारियों को लेकर सरकार का रवैय से संत नाखुश हैं.
हरिद्वार: उत्तराखण्ड की धर्मनगरी कहलाए जाने वाला तीर्थ स्थल हरिद्वार हरकी पौड़ी लाखों करोड़ो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बिंदु माना जाता है. देश के हर कोने से श्रद्धालु यहां गंगा स्नान के लिए एकत्रित होता है. आगामी 2021 में यहाँ महाकुम्भ का आजाग होने वाला है, मगर महाकुम्भ की तैयारियों को लेकर सरकार के रवैये से संत नाखुश हैं, जिससे संतो और प्रशासन में असमंजस का माहौल बना हुआ है. कुम्भ के दौरान होने वाले कार्यों को लेकर संतो ने बेहद नाराजगी जताई है. संतो का कहना है कि सरकार बहुत धीमी गति से कुंभ के कार्य करवा रही है, वहीं दूसरी ओर हरिद्वार के भूमानिकेतन के पीठाधीश्वर अछुतानंद तीर्थ महाराज ने सरकार के ऊपर हरकीपौडी व अन्य गंगा घाटों पर कराए जा रहे निर्माण कार्यो द्वारा आस्था पथ से खिलवाड़ करने की बात कही है. उनका कहना है कि यहां होने वाले कार्य संतों की सलाह से किये जाने चाहिए और उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, पूर्व में भी सरकार के गलत निर्माण कार्यो की वजह से भगदड़ का माहौल पैदा हो चुका है.
पत्रकारों से बात चीत में उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा की कुंभ के दौरान तैनात पुलिस कंर्मीयों ( सुरक्षा बल ) के पास किसी भी प्रकार का कोई भी डंडा, लाठी इत्यादि वस्तु नही होनी चाहिए, क्योंकि कई बार देखा गया है कि, तैनात पुलिस कर्मी लगातार ज्यादा समय ड्यूटी करने पर मानसिक तनाव में आ जाता है, जिस कारण वह संतों या श्रद्धालुओं की भीड़ पर काबू करने के लिए क्रूरता जैसा व्यहवार करने लगता है, जिससे वहाँ तनाव पूर्ण स्थिति पैदा हो जाती है. किसी भी श्रद्धालु या संतो के साथ ऐसा व्यवहार हो न इसके लिए सरकार तैनात पुलिस कर्मियों को डंडे, लाठी अपने साथ रखने की अनुमति ना दे. साथ ही उन्होंने सरकार को सभी आखड़ो के संतों की सलाह से गतिविधियां करने की बात करते हुए संयोग से काम करने की मांग की है.