लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीते दिनों 37 और प्रत्याशियों की सूची जारी की, इसमें सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा को लखनऊ छावनी सीट से टिकट दिया गया।


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अपर्णा ने मंगलवार को ज़ी न्‍यूज से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे टिकट परिवार (मुलायम परिवार) की वजह से नहीं, बल्कि मेरे काम की वजह से मिला है। सपा ने मुझे ये टिकट मेरे काम को देखते हुए दिया है। लखनऊ कैंट इलाके में मैंने अब तक बहुत से कार्य किए हैं।
   
अपर्णा ने यह भी कहा कि बिना विधायक बने ही मैंने लखनऊ कैंट इलाके में विकास के बहुत से काम किए हैं। मैंने अपने इस इलाके में 100 से ज्‍यादा जनसभाएं की हैं। उन्‍होंने कहा कि मैं कैंट इलाके की बच्‍ची हूं, वहीं पैदा हुई और वहीं पली बढ़ी। मैं कैंट की बेटी पहले हूं और बाद में मुलायम परिवार की बहू हूं।


गौर हो कि उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ की कैण्ट विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं। यहां दो कद्दावर महिला उम्मीदवारों के बीच सीधे मुकाबला तय माना जा रहा है। एक ओर कांग्रेस छोडकर भाजपा में आई वर्तमान विधायक रीता बहुगुणा जोशी हैं तो दूसरी ओर उनके सामने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव हैं, जो चुनावी पारी शुरू करने जा रही हैं। रीता कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी है। वह सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगी। दूसरी ओर राजनीतिक रूप से हाल के दिनों में सुखिर्यां बनी समाजवादी पार्टी ने अपर्णा को प्रत्याशी बनाया है। अपर्णा के लिए कैण्ट सीट आसान नहीं होगी क्योंकि 2012 के चुनाव में रीता कांग्रेस के टिकट से यहां जीत चुकी हैं।


बता दें कि अपर्णा को उम्मीदवार बनाने का ऐलान काफी पहले हो चुका था लेकिन सपा में अंतर्कलह और घमासान के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पार्टी का नया अध्यक्ष बनने पर अपर्णा की सीट को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब सपा ने अपर्णा को टिकट दे दिया है तो निश्चित तौर पर साबित होता है कि पार्टी नेतृत्व को अपर्णा में विश्वास है। मुलायम ने जिन लोगों की सूची प्रत्याशी बनाने के मकसद से अखिलेश को सौंपी थी, उसमें अपर्णा का नाम था।


बता दें कि कांग्रेस के साथ हुए गठबंधन के तहत सपा राज्य विधानसभा की 403 में से 298 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।