अंकित मित्तल/मुजफ्फरनगर: पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में पिछले 20 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है. शहर में राजनीतिक लोगों का आवागमन शुरू हो गया है. इसी क्रम में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आदेश पर सपा के वरिष्ठ नेता अतुल प्रधान व मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मौ इबाद मुजफ्फरनगर पहुंचे.


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जहां उन्होंने उपद्रव के दौरान घायल हुए मौलाना असद रजा के आवास पर पहुंचकर उन्हें सांत्वना दी और अखिलेश यादव की तरफ से हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया.


वहीं, मीडिया से बातचीत करते हुए दोनों सपा नेताओं ने अधिकारियों को चेतावनी दी और कहा कि शायद अधिकारी भूल गए हैं कि सरकार कुछ दिन की है. सरकार बदलने के बाद इनको जवाब दिया जाएगा. वो सरकार की चमचा गिरी छोड़कर जो आम आदमी का काम है, वो करें. अतुल प्रधान ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार हमेशा किसी की नहीं रहती.


सपा नेताओं ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 65 साल के बुजुर्ग से ऐसी बर्बरता करना, यह सिर्फ और सिर्फ यहां के मुख्यमंत्री की देन है. मुख्यमंत्री का ये कहना कि हम बदला लेंगे, हम ठोक देंगे, हम बुलडोजर चलवा देंगे. ये उनकी सोच का परिचय है.


सपा नेताओं ने कहा कि हम सीएम योगी को वो दिन याद दिलाना चाहते हैं, जब वो भरी संसद में रोए थे. कह रहे थे कि इस पुलिस ने मेरे साथ बर्बरता की है. पुलिस ने मेरे साथ मारपीट की है. लेकिन, आज वो ही इस तरह का व्यवहार जनता के साथ कर रहे हैं.


दोनों नेताओं ने कहा कि समाजवादी पार्टी चाहती है कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराई जाए. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.


बिजनौर में सुलेमान नाम का बच्चा जो सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था. 20 साल का नौजवान जो पूरा टाइम टेबल उसका तैयार रखा था. उसको मार दिया गया. अभी कल ही कोर्ट के माध्यम से पुलिस वालों पर रिपोर्ट दर्ज हुई है कि उसकी हत्या की गई है.


सपा नेताओं ने कहा कि अगर ये जांच अभी नहीं कराएंगे, तो जैसे ही समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी जांच होगी. इंसाफ देने का काम समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव करेंगे.