आशीष श्रीवास्तव/सुल्तानपुर: महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़ा के दो संतों की हत्या कर दी गई. उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद के मूल निवासी संत सुशील गिरि भी भीड़ का शिकार हो गए. मौत की सूचना मिलने पर उनके घर पर मातम छा गया. परिजन अब महाराष्ट्र सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं.


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संत सुशील गिरि का बचपन का नाम शिवनारायण उर्फ़ रिंकू दुबे था. घरवालों के मुताबिक 16 वर्ष की आयु में ही उन्होंने संतों का सानिध्य प्राप्त करने के लिए घर छोड़ दिया था. कुछ वर्षों बाद जब वो मां से भीक्षा लेने घर आए, तो परिजनों ने उन्हें समझाया लेकिन वे नहीं माने.


शिवनारायण उर्फ़ रिंकू अपने पांच भाइयों में सबसे छोटे थे. इनके भाइयों का नाम कपिल देव दुबे, दयाशंकर दुबे, दीप नारायण दुबे, शेषनारायण दुबे था. संत सुशील गिरि उर्फ़ रिंकू दुबे की मां मनराजी देवी ने जब से पुत्र की मौत की खबर सुनी है, वे बेहद दुखी हैं. पूरे परिवार में मातम छाया हुआ है .


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संत सुशील गिरि की मां मनराजी देवी का कहना है कि उनके पुत्र को न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने महाराष्ट्र और केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए.


आपको बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ ने दो सन्यासियों और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी. जूना अखाड़े के संत स्वामी कल्पवृक्ष गिरि, स्वामी सुशील गिरि व उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े मुंबई से सूरत अपने साथी की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे.


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