लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा देने के बाद सांसद सावित्री बाई फुले ने रविवार (23 दिसंबर) को रमाबाई आम्बेडकर रैली स्थल में एक जनसभा कर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश को आरएसएस चला रहा है. सावित्री बाई फूले ने कहा कि जब वह बीजेपी में थी तो उन्हें लोक सभा के अन्दर अपने मन की बात बोलने नहीं दी जाती थी.


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कई मंत्रियों, सांसदों और आरएसएस प्रमुख द्वारा सुनने को मिलता कि राष्ट्र निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब द्वारा लिखे गए संविधान को बदला जाएगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण समाप्त करने की बात हो रही है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर संविधान की प्रतियों को जलाया गया. हम अपना हक मांगेंगे नहीं बल्कि छीन लेंगे.


फूले ने कहा कि पिछले कई सालों से वह भारतीय संविधान और आरक्षण बचाने के लिए सामाजिक आन्दोलन चला रही हैं, जिससे समाज के पिछड़े वर्ग, दलित वर्ग एवं अल्पसंख्यक समाज को सामाजिक न्याय मिल सके.


उन्होंने कहा कि वह कई सालों से संविधान में दिए गए आरक्षण को सम्पूर्ण रूप से लागू करने की मांग करती आ रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को चौकीदार नहीं बल्कि साझेदार कहा. 


आपको बता दें, सावित्री बाई फुले ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है. बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि 'चौकीदार की नाक के नीचे गरीबों का पैसा लूटा जा रहा है. बीजेपी और आरएसएस समाज को बांटने व संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है.'