आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात : गरीब लोगों को सुविधाए देने के लिए सरकार द्वारा चलायी जाने वाली सरकारी योजनाए कैसे दम तोड़ती है. इसकी बानगी कानपुर देहात में देखने को मिल रही है. यहां कुछ प्राइवेट हॉस्पिटलों ने आयुष्मान योजना में जमकर घोटाला किया  है. कागजों में अस्पताल के आइसीयू में दर्जन भर से ज्यादा मरीज भर्ती दिखाए गए हैं. जबकि हकीकत में आइसीयू मे आयुष्मान योजना के सिर्फ 3 मरीज मिले. अस्पतालों ने दवा से लेकर मेडिकल जांच तक फर्जीवाड़े का खाका तैयार कर लिया. आयुष्मान योजना में धांधली करने वालों में राजावत सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,नोवा ग्रेस अस्पताल और तीसरा इसा हॉस्पिटल हैं. ये वो तीन अस्पताल हैं जो गरीबों का हक लूट रहे थे. इसका खुलासा खुद राज्य सरकार की ओर भेजी गयी आयुष्मान योजना की जांच करने आयी टीम ने किया है. 


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बताया जा रहा है कि इन अस्पतालों ने महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान कार्ड योजना का दुरुपयोग किया है. इन तीनों अस्पतालों ने आईसीयू में दर्जनभर से ज्यादा आयुष्मान कार्ड के मरीज भर्ती दिखाएं हैं जबकि हकीकत में किसी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के 2 मरीज और किसी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के 3 मरीज भर्ती मिले हैं. इतना ही नहीं कागजो में फर्जीवाड़ा कर दवा से लेकर जांचों तक लाखों रुपए की बिलिंग दिखाकर आयुष्मान योजना की आईडी से पैसा निकाल लिया. 
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इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद राजावत हॉस्पिटल इनोवा ग्रेस हॉस्पिटल और ईशा हॉस्पिटल आयुष्मान आईडी ब्लॉक कर दी गई है. यानी अब यह आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज नहीं कर सकते हैं. साथी इन तीनों अस्पतालों को नोटिस दिया गया है और स्पष्टीकरण तलब किया गया है. बहरहाल, बिल में फर्जीवाड़ा कर आम आदमी और सरकारों को चूना लगाने वाला ये पहला मामला नहीं है. कई प्राइवेट हॉस्पिटलों में इस तरह का खेल चलता है. जरूरत है ऐसे धांधली के मामलों को उजागर करने और फिर सख्त कार्रवाई की.


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