लखनऊ: योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचायती राज विभाग के पूर्व निदेशक समेत 12 जिलों के अधिकारियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करवाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही परफॉर्मेंस ग्रांट की धनराशि आवंटित करने के मामले में हुई धांधली के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए हैं.


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सीएम योगी के आदेश पर अपर निदेशक राजेंद्र सिंह, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी केशव सिंह, अपर निदेशक (पं) एसके पटेल, उप निदेशक (पं) गिरिश चन्द्र रजक पर भी मामला दर्ज होगा. वहीं, 12 जिलों के पंचायती राज अधिकारियों, सहायक विकास अधिकारियों, सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारियों व सचिवों के विरूद्ध भी अभियोग पंजीकृत होगा.


मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई. जानकारी के मुताबिक निदेशक पंचायतीराज के पद पर रहते हुए अनिल कुमार दमेले (अब सेवानिवृत्त) ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन व शासनादेशों की अनदेखी कर अपात्र ग्राम पंचायतों को परफॉर्मेंस ग्रांट जारी कर दी. इसकी विजलेंस जांच चल रही है. विजलेंस रिपोर्ट के मुताबिक 31 जनपदों के 1798 ग्राम पंचायतों में से 1123 ग्राम पंचायतों को अनियमित रूप से परफार्मेंस ग्रांट की धनराशि आवंटित की गई. इसमें अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं.


इस मामले में जनपद स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच हो रही है. इसमें जिला पंचायतराज अधिकारी, रामकेवल सरोज, चन्द्रिका प्रसाद बाराबंकी, अरविंद कुमार सिंह वाराणसी, लालजी दुबे गाजीपुर, अमरजीत सिंह सहारनपुर, मिही लाल यादव इटावा, शीतला प्रसाद सिंह देवरिया, दिनेन्द्र प्रकाश शर्मा महाराजगंज, अनिल कुमार सिंह आजमगढ़, राधा कृष्ण भारती गोरखपुर, राजेन्द्र प्रसाद मथुरा, धनन्जय जायसवाल आगरा, शहनाज अंसारी अलीगढ़ व संबंधित जनपदों के सहायक विकास अधिकारियों व संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारियों व सचिवों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराकर विवेचना कराने के निर्देश जारी किए गए हैं.