देहरादून, (राम अनुज): बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में 1 महीने से लुकाछिपी कर रहे पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी के अनुराग शंखधर को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है. एसआईटी के सामने पेश हुए पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर से करीब 7 घंटे की पूछताछ हुई. अनुराग शंखधर से एसआईटी ने तकरीबन 100 सवाल पूछे. ज्यादातर सवालों का जवाब देने से अनुराग शंखधर ने इंकार कर दिया. अनुराग शंखधर को आज (17 मई) को कोर्ट में पेश किया जाएगा. 


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तलाश रहे थे बचाव का रास्ता
जानकारी के मुताबिक, एसआईटी के सामने पहली बार पेश हुए छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी अधिकारी काफी असहज नजर आए. देहरादून और हरिद्वार जिले में जिला समाज कल्याण अधिकारी के तौर पर काम कर चुके शंखधर काफी समय से अपने बचाव का रास्ता तलाशते रहे और उन्होंने इसके लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. 


करोड़ो का हुआ गबन
जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे अनुराग शंकर जनजाति कल्याण निदेशालय में उप निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. वह स्कॉलरशिप घोटाले के मामले में कई महीने से लुकाछिपी कर रहे थे. हरिद्वार और देहरादून जिले में अभी तक स्कॉलरशिप घोटाले के मामले में करोड़ो रुपए के गबन की बात सामने आई है, जिसके बाद समाज कल्याण विभाग में हड़कंप मचा है. अनुराग शंखधर को आज (17 मई) को कोर्ट में पेश किया जाएगा. एसआईटी इस पूरे मामले में लगातार आरोपियों की तलाश कर रही है.


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ऐसे हुआ स्कॉलरशिप घोटाला
दरअसल, स्कॉलरशिप घोटाले का मामला बहुत गंभीर है, क्योंकि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बिना किसी सत्यापन के ही करोड़ों रुपए की धनराशि शैक्षिक शिक्षण संस्थाओं के संचालकों के खातों में जारी कर दी. घोटाला इस तरह से हुआ कि शैक्षिक संस्थान सिर्फ कागजों में चल रहे थे, जहां पर एक भी छात्र-छात्राएं नहीं थे वहां सैकड़ों छात्र-छात्राओं की तादाद को दिखाकर संचालकों के खातों में धनराशि को जारी कर दिया गया. 


छुट्टी लेकर फरार थे अनुराग शंखधर
अनुराग शंखधर काफी समय से छुट्टी लेकर फरार चल रहे थे. एसआईटी उनको 3 नोटिस जारी किया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए. एसआईटी ने जब गैर जमानती वारंट लेने की तैयारी शुरू की, तो तुरंत वह खुद ही एसआईटी के सामने पेश हुए. 7 घंटे की पूछताछ के बाद उनको एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरे मामले में चार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.