यूपी में बांग्लादेशियों की तलाश शुरू, DGP के आदेश के बाद पुलिस चला रही है अभियान
इस अभियान के तहत लखनऊ (Lucknow) में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के अस्थायी बस्तियों में पुलिस पहुंची और उनके पहचान पत्र (Identity Card) की जांच की
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों (Bangladeshis) की तलाश तेज हो गई है. यूपी पुलिस (UP police) अलग-अलग इलाकों में बकायदा अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान के लिए अभियान (drive) चला रही है. शुक्रवार को लखनऊ (Lucknow) में भी पुलिस (Police) ने अभियान चलाया. इस अभियान के तहत लखनऊ (Lucknow) में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के अस्थायी बस्तियों में पुलिस पहुंची और उनके पहचान पत्र (Identity Card) की जांच की और इन इलाकों में रहने वाले जिस भी विदेशी नागरिक ने स्थानीय प्रमाण पत्र नहीं दिखाया पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई.
दरअसल, बांग्लादेशियों (Bangladeshis) को तलाशने और उन्हें बाहर करने पर शासन की सख्ती के बाद डीजीपी (DGP) ने यूपी पुलिस (UP Police) को कड़े निर्देश दिए हैं. इसी के तहत बांग्लादेशी लोगों के बारे में जानकारी जुटाने और कार्रवाई की जा रही है. डीजीपी ने बीते मंगलवार को गृह राज्य विभाग के 27 अक्टूबर 2017 के पत्र का हवाला देते यह निर्देश जारी किया है. जिलों के सभी पुलिस (Police) कप्तानों के नाम जारी इस पत्र में शहर के बाहरी इलाकों के रेलवे स्टेशन (Railway Station), बस अड्डों और नई बस्तियों में अवैध तरीके से रहने वाले अवैध विदेशी नागरिकों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं.
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डीजीपी (DGP) मुख्यालय द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया था कि शहर के बाहर स्थित रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सड़क किनारे बसी नई बस्तियों में यह अभियान चलाया जाए. इन बस्तियों में शिनाख्ती अभियान की वीडियो रिकॉर्डिंग (Video recording) भी कराई जाएगी. इन बस्तियों में ज्यादातर बांग्लादेशियों (Bangladeshis) के रहने का अनुमान है. इतना ही नहीं सत्यापन के दौरान अगर कोई व्यक्ति अपना पता किसी अन्य जिले या राज्यों में बताता है तो उसका भी डाटा तैयार किया जाएगा. इसके बाद ही बिना वीजा पासपोर्ट के अनाधिकृत ढंग से भारत (India) के किसी भी कोने में रहने वाले बांग्लादेशी और विदेशी नागरीको की तलाश की जा रही है. डीजीपी ओपी सिंह ने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) को ऐसे लोगों को पता लगा कर सूची भेजे जाने के निर्देश भी दिए हैं. लिहाजा यह अभियान अब तेजी से पूरे यूपी में पुलिस चला रही है.