Stammering Care Tips: हम सब जानते हैं कि जब छोटे बच्‍चे बोलना शुरू करते हैं तो शुरुआत में वह तुतलाकर बोलते हैं. हालांकि, अगर आपका बच्‍चा 5 साल बाद भी तुतलाकर या हकलाकर बोलता है तो यह एक विकार हो सकती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बचपन में यह सब बच्‍चों के साथ होती है, लेकिन करीब 75 फीसदी बच्‍चे समय के साथ हलकलाना या तुतलाना खा देते हैं. 


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आत्‍म सम्‍मान में कमी 
बड़े होने के बाद भी अगर यह समस्‍या बनी रहती है तो उसका इलाज कराना चाहिए. क्‍योंकि अक्‍सर बच्‍चे स्‍कूल या दोस्‍तों के बीच आत्‍म सम्‍मान में कमी पाते हैं. ऐसे में समय रहते कुछ घरेलू उपचार की मदद से तुतलाना या हकलाना को दूर किया जा सकता है. 


आंवला 
आंवले में विटामिन सी होता है. सेहत के लिए फायदेमंद आंवले का सेवन हकलाने की समस्या में काफी कारगर साबित हो सकता है. एक चम्मच आंवले के पाउडर को गाय के घी में मिलाकर खाने से फायदा होगा. इस उपाय को दो महीने तक लगातार करने से असर दिखने लगेगा. 


बादाम 
अगर आपका बच्‍चा बड़ा होकर भी तुतलाता है तो उसे रोजाना बादाम का सेवन कराएं. रोजाना रात को 6-7 बादाम पानी में भिगोकर रख दें और फिर सुबह इसे पीसकर पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को मक्खन के साथ मिलाकर खाएं. 


मिश्री
मिश्री का इस्तेमाल कर आप हकलाने की समस्या से निजात पा सकते हैं. इसके लिए आपको रोजाना मिश्री का सेवन करना होगा. मिश्री आपकी जुबान साफ करती है. 


यह भी करें 
बच्चे को बोलने का पूरा अवसर दें. हकलाने वाले बच्चे से हमेशा धीरे और आराम से बात करें. अगर बच्‍चा हकलाता है तो उसकी बात पूरी होने का वेट करें, बोलते हुए बीच में न रोकें. 


डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


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