Giloy Benefits : कोरोना काल के दौरान एक चीज जो औषधि के रूप में सामने आई वह थी गिलोय. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने गिलोय का सहारा लिया. गिलोय एक प्रसिद्ध और लाभकारी जड़ी बूटी है, जो समीपवर्ती पेड़ों पर चढ़कर फैलती है. इसका जायका कड़वा होता है. बुखार के लिए यह रामबाण है. गिलोय के सेवन से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. तो आइये जानते हैं गिलोय के फायदे. 


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यह है मान्‍यता 
गिलोय को गुडूची, अमृता आदि के नामों से भी जाना जाता है. गिलोय को लेकर मान्‍यता है कि वह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उसके गुणों को समाहित कर लेती है. यही वजह है कि नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को औषधि के लिहाज से सर्वोत्तम माना जाता है. इसे नीम गिलोय के नाम से भी जाना जाता है. गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है. इसके अलावा गिलोय में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक, कैल्शियम और मैगनीज भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. 


गिलोय में क्‍या पाया जाता है 
जानकारी के मुताबिक, गिलोय की पत्तियां, जड़ें और तना तीनो ही भाग सेहत के लिए बहुत गुणकारी हैं. गिलोय में बड़ी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं. इन्हीं गुणों की वजह से यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्‍ज, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों आदि से निजात दिलाती है. 


गिलोय के इस्‍तेमाल से कई अनजान 
गिलोय के फायदे के बारे में तो सभी जानते हैं. हालांकि इसका कैसे इस्‍तेमाल किया जाए यह बहुत कम ही लोग जानते हैं. आमतौर पर गिलोय का सेवन इन गिलोय सत्व, गिलोय जूस या गिलोय स्वरस और गिलोय चूर्ण के रूपों में में कर सकते हैं. अब तो गिलोय का जूस भी आसानी से मिल जाता है. गिलोय या गुडूची के गुणों के कारण ही आयुर्वेद में इसका नाम अमृता रखा गया है. इसका मतलब है कि यह औषधि बिल्कुल अमृत समान है. 


डायबिटीज (Giloy benefits for diabetes)
बता दें कि गिलोय हाइपोग्लाईसेमिक एजेंट की तरह काम करती है और टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में असरदार भूमिका निभाती है. गिलोय जूस ब्लड शुगर के बढे स्तर को कम करती है. इन्सुलिन का स्राव बढ़ाती है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करती है. इस तरह यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी है.   


ऐसे करें सेवन 
विशेषज्ञों के मुताबिक, डायबिटीज के लिए आप दो तरह से गिलोय का सेवन कर सकते हैं. दो से तीन चम्मच गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. वहीं, आधा चम्मच गिलोय चूर्ण को पानी के साथ दिन में दो बार खाना खाने के एक से डेढ़ घंटे बाद लें. 


डेंगू (Giloy benefits for dengue) 
बारिश में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है. ऐसे में डेंगू से बचने के घरेलू उपाय के रूप में गिलोय का सेवन करना सबसे ज्यादा प्रचलित है. डेंगू के दौरान मरीज को तेज बुखार होने लगते हैं. गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक गुण बुखार को जल्दी ठीक करते हैं. साथ ही यह इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है. इससे डेंगू से जल्दी आराम मिलता है.


ऐसे करें सेवन 
डेंगू होने पर दो से तीन चम्मच गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने से एक-डेढ़ घंटे पहले लें. इससे डेंगू से जल्दी आराम मिलता है. 


खांसी (Giloy benefits for cough) 
लंबे समय से आ रही खांसी के लिए गिलोय रामबाण है. गिलोय में एंटीएलर्जिक गुण होने के कारण यह खांसी से जल्दी आराम दिलाती है. खांसी दूर करने के लिए गिलोय के काढ़े का सेवन करें.


ऐसे करें सेवन 
खांसी से आराम पाने के लिए गिलोय का काढ़ा बनाकर शहद के साथ उसका सेवन करें. इसे दिन में दो बार खाने के बाद लेना ज्यादा फायदेमंद रहता है. 


बुखार (Giloy benefits for fever) 
गिलोय या गुडूची में ऐसे एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो पुराने से पुराने बुखार को भी ठीक कर देती है. इसी वजह से मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसे गंभीर रोगों में होने वाले बुखार से आराम दिलाने के लिए गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है. 


ऐसे करें सेवन 
बुखार से आराम पाने के लिए गिलोय घनवटी पानी के साथ दिन में दो बार खाने के बाद लें. बुखार से आराम मिल जाएगा. 


डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.