टीवी कैसे बिगाड़ रहा बच्चों की सेहत, फैमिली में आज से ही बदल डालें ये पांच आदतें
छोटे हों या बड़े ज्यादातर सभी टीवी देखने के शौकीन होते हैं. लेकिन ज्यादा टीवी देखना बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालते है.
ज्यादा टीवी देखने से बच्चे चिड़चिड़े
लंबे समय तक टीवी देखने से बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं. माता-पिता की बात न मानने और बार-बार टीवी बंद करने पर रोने या गुस्सा करने जैसी आदतें विकसित हो सकती हैं. इसके अलावा, बच्चे दूसरों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने में भी कमजोर हो सकते हैं.
पढ़ाई में ध्यान की कमी
बच्चों का ध्यान टीवी की वजह से पढ़ाई से हट सकता है. वे पढ़ाई के दौरान भी अपने पसंदीदा कार्टून या शो के बारे में सोचते रहते हैं, जिससे उनकी एकाग्रता और प्रदर्शन पर असर पड़ता है.
हिंसक स्वभाव होना
हिंसक शो या वीडियो गेम्स देखने से बच्चे असंवेदनशील और उग्र हो सकते हैं. यह आदत उन्हें दूसरों के साथ लड़ाई-झगड़े करने और घर की चीजें तोड़ने के लिए भी प्रेरित कर सकती है.
सोने की आदत पर असर
टीवी स्क्रीन की रोशनी मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे बच्चों की नींद प्रभावित हो सकती है. अनियमित नींद से उनका स्वास्थ्य और शारीरिक विकास बाधित होता है.
मोटापा बढ़ना
टीवी देखते समय बिना सोचे-समझे खाना खाने की आदत बच्चों में मोटापे को बढ़ावा देती है. इससे न केवल उनका वजन बढ़ता है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है.
बच्चों को टीवी देखने से रोकने के उपाय
बच्चे अपने बड़ों को देखकर सीखते हैं. खुद सीमित समय तक फोन या टीवी का उपयोग करें ताकि बच्चा यह आदत आपसे अपनाए. इस तरह से आप बच्चों के रोल मॉडल बनें.
परिवार के साथ समय बिताएं
घर में सभी के लिए एक समय तय करें जब फोन, टीवी और गैजेट्स बंद करके एक साथ समय बिताया जाए. बातचीत और खेल के जरिए बच्चे का ध्यान स्क्रीन से हटाएं.
परिवार के साथ समय बिताएं
घर में सभी के लिए एक समय तय करें जब फोन, टीवी और गैजेट्स बंद करके एक साथ समय बिताया जाए. बातचीत और खेल के जरिए बच्चे का ध्यान स्क्रीन से हटाएं.
रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करें
बच्चों का ध्यान क्रिएटिव चीजों जैसे मेमोरी गेम, बागवानी, या ड्रॉइंग जैसी गतिविधियों की ओर लगे इसके लिए उन्हें इस तरह के काम और खेलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करें. इससे उनका मन रचनात्मक कार्यों में लगेगा और वह मन बहलाने के लिए केवल टीवी पर निर्भर नहीं रहेंगे.
स्क्रीन-फ्री बेडरूम बनाएं
सोने के समय बेडरूम को टीवी और गैजेट्स से दूर रखें. इसके बजाय, बच्चे को अच्छी कहानियां सुनाएं, जो उनकी कल्पनाशक्ति और आदतों पर सकारात्मक प्रभाव डालें.
Disclaimer
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.