Pitamber Leaves Benefits : बदलती जीवनशैली की वजह से कई नई बीमारियां भी पैदा होती जा रही हैं. लेकिन आज भी कई पौधे और जड़ी-बुटियां ऐसी हैं जिनका सेवन करके गंभीर रोगों से बचा जा सकता है. पीतांबर का फूल सोने की तरह चमकीला होता है. इस पौधे में कई ऐसे गुण हैं, जो आपको हैरान कर देगा. यहां तक कि इसकी पत्तियों को चबाने मात्र से कैंसर तक का जोखिम कम हो सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीतांबर को कई नामों से जाना जाता है. इसे एड़गज, दादमारी, कैंडल बुश, रिंगवर्म श्रब आदि नामों से पहचानते हैं. पीतांबर पौधे का वैज्ञानिक नाम केसिया अलाटा है. यह पौधा 25 इंच तक लंबा हो सकता है. देखने में यह पौधा बेहद आकर्षक लगता है. इस वजह से इसे गार्डेन में भी लगाया जा सकता है. पीतांबर का इस्तेमाल प्राचीन समय से कई देशों में दवा के रूप में किया जाता है. स्किन की बीमारी में यह बेहद फायदेमंद होता है. एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि पीतांबर के पत्ते में एंटी-एलर्जिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-कैंसर, एंटीडायबेटिक और एंटीफंगल गुण होता है. इस वजह से पीतांबर के पत्ते कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकते हैं.


शुगर नहीं बढ़ने देता
पीतांबर के पौधे में कई तरह के मेटाबोलिक कंपाउड होते हैं. जैसे फ्लेवोनेस, फ्लेवोनोएड, फ्लेवोनोल्ड, ग्लाइकोसाइड, एलाटिनोन, डी ग्लूकोसाइड आदि. ये सब मेटाबोलिज्म को बूस्ट कर नेचुरल तरीके से इंसुलिन उत्पादन बढ़ाता है. यही वजह की पीतांबर के पत्ते ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में रामबाण है.


तनाव कम करेगा
पीतांबर के पत्तों में डिप्रेशन, एंग्जाइटी दूर करने की क्षमता होती है. पीतांबर के पत्तों के सेवन से सेंट्रल नर्वस सिस्टम स्मूद होता है जिससे शरीर में निष्क्रियता खत्म होती है. जिस तरह डिप्रेशन की दवा फ्लूऑक्सीटाइन काम करती है, उससे कहीं पीतांबर के पौधे से निकाले गए कंपाउड भी काम करता है.


स्किन से संबंधित बीमारियों में
पीतांबर की पत्तियों एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है. इस वजह इसका लेप स्किन पर लगाने से टीनिया वर्सिकलर, सोरोसिस, रासासिया, वार्ट, कैंडिडा एल्बीकांस, टी. सीमी, सी हुनाटा जैसी स्किन से संबंधित बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है.


ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ाए
पीतांबर के पत्ते का सेवन खून में ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ा सकता है. एक अध्ययन में पाया गया कि 21 दिनों तक पीतांबर के पत्तों से बने रस को जब चूहों में दिया गया तो उनके खून में प्लेटलेट्स बढ़ गया. ब्लीडिंग के समय क्लॉट बनाने में काफी मदद मिला.


डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


Watch: मथुरा में आज हो रही गोवर्धन पूजा, जानें क्या है अन्नकूट की पौराणिक कथा