राजकुमार दीक्षित/सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में जबरन धर्मांतरण कराए जाने का एक मामला सामने आया है. यहां ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार को लेकर गांव के करीब चार सौ लोगों को बुलाया गया था. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दंपति सहित उनके चार ब्राजील के साथियों सहित 10 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस ने इन सभी के पास से पासपोर्ट भी बरामद किए हैं. फिलहाल मामले को लेकर पुलिस के आलाधिकारी समेत LIU के अधिकारी पूछताछ में जुटे हुए हैं. 


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क्या है पूरा मामला? 
धर्मांतरण का यह सनसनीखेज मामला सदरपुर थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर का है. मूलरूप से जौनपुर का निवासी डेविड वर्तमान में लखनऊ में रहता है. उसने गांव में कुछ जमीन लेकर करीब दो से तीन साल पहले एक चर्च बनवाया था. जहां वह अक्सर आता-जाता रहता था. डेविड द्वारा बनवाए गए चर्च में हमेशा कुछ न कुछ लोग बाहर से हमेशा आया करते थे. रविवार रात को  गांव में डेविड और उसकी पत्नी रिंकी गैकवर्ड ने धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए एक बड़ा आयोजन किया था. जिसमें शाहबाजपुर सहित आस-पास के गांवों के करीब तीन से 400 लोगों को बुलाया गया था. जिसमें लोगो के खाने-पीने के साथ-साथ उपहार भी लाए गए थे. 


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गांव के किसी शख्स ने पुलिस से की शिकायत 
इसी बीच गांव के ही किसी शख्स ने कार्यक्रम में मतांतरण कराए जाने की शिकायत पुलिस को कर दी. सूचना पाकर भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा. पुलिस ने डेविड और उसकी पत्नी व उसके चार ब्राजील के साथियों समेत 10 लोगों को हिरासत में ले लिया है. लोगों का मतांतरण कराए जाने की सूचना मिलते ही पुलिस व LIU के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. अधिकारी देर रात तक सभी से पूछताछ करते रहे. 


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एएसपी ने क्या कहा? 
ASP सीतापुर एनपी सिंह का कहना है एक डेविड अस्थाना नाम का व्यक्ति रहता है. डेविड अस्थाना जौनपुर का रहने वाला है, लेकिन वह वर्तमान में लखनऊ रहता है. देवीदास थाना और उसकी पत्नी छोटा सा मकान बनाकर रहते हैं. उन्हीं के साथ ब्राजील के चार पादरी भी आए थे, जो धर्मांतरण का कार्य कराने जा रहे थे. मौके पर कुछ लोगों ने इन्हें घेर लिया और पुलिस से शिकायत की. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. विधिक कार्रवाई जारी है. 


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