लखनऊ : आज पूरे राबर्ट्सगंज में सिर्फ एक ही नाम की चर्चा चारों ओर है. साक्षी भी खुशी से फूली नहीं समा रही है, आखिर हर कोई उसकी मेहनत की तारीफ जो कर रहा है. साक्षी ने यूपीएससी की परीक्षा जो पास की है. यूपीएससी की लिस्ट में साक्षी 350वें नंवर पर है. हिंदी मीडियम में साक्षी यूपीएससी में दूसरे स्थान पर हैं. ज़ी न्यूज ऑनलाइन से खास बात करते हुए साक्षी ने बताया कि यूपीएससी का जब से रिजल्ट आया है उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. आम आदमी से लेकर शासन प्रशासन और मीडिया के लोगों का साक्षी के घर आना-जाना लगा हुआ है. महज 22 साल की उम्र में मिली इस कामयाबी से परिवार के लोग काफी खुश हैं. सोनभद्र जिले के राबर्ट्सगंज में अपनेआप में यह इस तरह की अकेली और पहली कामयाबी है, 


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पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल
साक्षी ने बताया कि वह पढ़ाई में शुरू से ही अच्छी रही है और स्नातक तक की पढ़ाई उसने राबर्ट्सगंज में रहकर ही की है. हाईस्कूल में 76 प्रतिशत और इंटर में 81.4 प्रतिशत अंक लाकर उसने अपने स्कूल का नाम रोशन किया था. राजकीय महिला महाविद्यालय से साक्षी ने बीए की डिग्री हासिल की. 


इंटर के बाद से ही मन बना लिया
यूपीएससी की तैयारी के सवाल पर साक्षी ने बताया कि इंटर में 81 प्रतिशत अंक आने के बाद उसने मन ही मन में यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला कर लिया था, लेकिन राबर्ट्सगंज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अच्छे साधन नहीं होने के कारण उसने ग्रेजुएशन तक इंतजार करने का फैसला किया.



पिता के सपने को किया साकार
साक्षी ने बताया कि ग्रेजुएशन करने के बाद उसने दिल्ली आने का फैसला किया. जब उसने अपने पिता को बताया कि वह पढ़लिख कर आईएएस बनना चाहती है तो उसके पिता ने साक्षी को बहुत सपोर्ट किया. साक्षी के पिता कृष्ण कुमार गर्ग पेश से व्यापारी हैं और माता रेनु गर्ग एक घरेलू महिला हैं.


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साक्षी ने बताया कि उसके पिता आईएएस बनना चाहते थे, लेकिन किन्हीं वजहों से वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाए, इसलिए उन्होंने साक्षी को हमेशा यूपीएससी के लिए ना केवल मानसिक रूप से तैयार किया बल्कि हर कदम पर उसका सपोर्ट भी किया. साक्षी के पिता कृष्ण कुमार गर्ग ने बताया कि वह खुद आईएएस बनना चाहते थे, मगर जब उनका सपना पूरा नहीं हुआ तो बेटी को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.



ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली का रुख
पिता से हरी झंडी मिलने के बाद दो साल पहले साक्षी ने दिल्ली का रुख किया. साक्षी बताती है कि यहां उसने 'निर्माण आईएएस' कोचिंग सेंटर में यूपीएससी की कोचिंग करनी शुरू कर दी. साक्षी ने बताया कि 'निर्माण कोचिंग' में उसने इतिहास को अपना विषय चुना और तैयारी में जुट गई. यहां कमल देव सिंह और स्वदीप सर ने साक्षी की हर कदम पर मदद की.


सलफलता का मंत्र
यूपीएससी में सफल होने पर साक्षी खुश तो बहुत है, लेकिन इस खुशी में अभी कुछ अधूरापन सा है. साक्षी बताती है कि यूपीएससी में उसकी रैंक अभी कम है. वह अभी और तैयारी करेगी और रैंक में सुधार कर आईएएस बनने का सपना पूरा करेगी. यूपीएससी की तैयारी करने अन्य छात्रों के बारे में साक्षी का कहना है कि जो लोग यूपीएससी में जाना चाहते हैं, उन्हें ग्रेजुएशन के साथ ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए और दिमाग बस एक ही लक्ष्य होना चाहिए. कुछ छात्र एग्जाम की तैयारी करते समय कई परीक्षाओं को टारगेट करते हैं, जिसमें सफलता की संभावना कम हो जाती है.