पवन त्रिपाठी/नोएडा: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नोएडा में एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर एपेक्स और सियान के मामले में सुनवाई के दौरान नोएडा अथारिटी पर तीखी टिप्पणियां की. कोर्ट ने कहा कि नोएडा एक भ्रष्ट निकाय है इसकी आंख, नाक, कान और यहां तक कि चेहरे तक से भ्रष्टाचार टपकता है. कोर्ट ने इस मामले में नोएडा अथारिटी की भूमिका पर भी सवाल उठाए. कोर्ट ने मामले में सुपरटेक और नोएडा अथारिटी की अपीलों पर सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.  नोएडा अथारिटी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सुपरटेक की मदद ही नहीं कर रहे आपकी उसके साथ मिलीभगत है.


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सुपरटेक को फ्लैट बुक कराने वालों को पैसा वापस करने का आदेश
हाईकोर्ट ने सुपरटेक को फ्लैट बुक कराने वालों को पैसा वापस करने का आदेश दिया था साथ ही प्लान सेंक्शन करने के जिम्मेदार नोएडा अथारिटी के अधिकारियों को प्रासीक्यूट करने का आदेश दिया. इस फैसले को सुपरटेक, नोएडा अथारिटी और कुछ फ्लैट खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में एपेक्स और सियान टावर गिराने पर रोक लगा दी थी और यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था.


एपेक्स और सियान टावरों को गलत ठहराया था
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2014 में एमराल्ड कोर्ट ओनर्स रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए एपेक्स और सियान टावरों को गलत ठहराया था. इन्हें ढहाने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने सुपरटेक को फ्लैट बुक कराने वालों को पैसा वापस करने का आदेश दिया था. साथ ही प्लान सेंक्शन करने के लिए जिम्मेदार नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया था.


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