मनोज चतुर्वेदी/बलिया : अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फ‍िर सनातन धर्म पर हमला बोला है. स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सनातन का ढोल पीटने वाले लोग सनातन विरोधी हैं. बलिया के अमहर ग्राम सभा में बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना देश को बांटने का बीज बोया जा रहा है. 


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देश के बंटवारे के लिए दबाव बनाया
उन्‍होंने कहा कि 1922-23 में द्वीराष्ट्र की अवधारणा हिंदू महासभा ने की थी. 1939 में वीर सावरकर जी हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हो गए. 1939 से लेकर 1942 तक द्वी राष्ट्र की अवधारणा तेजी से चली. 1947 में देश आजाद हुआ, उस समय हिंदू महासभा ने इतना दबाव बनाया कि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो गया. भारत के बंटवारे के लिए जिन्ना नहीं हिंदू महासभा जिम्मेदार थी. जिन्ना ने कभी भी अलग राष्ट्र की मांग नहीं की, हिंदू महासभा की वजह से जिन्ना को पाकिस्तान लेना पड़ा. 


'भगवा का सम्‍मान, भगवाधारियों का नहीं'
सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भगवा का सम्मान है, पर जो भगवाधारी भगवा के भेष में आतंकवाद की भाषा बोलते हैं वह आतंकवादी हैं. इसमें स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने की बात करने वाले, स्वामी प्रसाद मौर्य का जीभ काटने की बात करने वाले और स्वामी प्रसाद मौर्य को मारने के लिए 51 करोड़ देने की घोषणा करने वाले शामिल हैं. 


'मैं भी हिंदू धर्म में पैदा हुआ'
सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं भी हिंदू धर्म में ही पैदा हुआ था, लेकिन अगर अपने ही घर में मुझे अपमानित किया जाएगा तो मैं अपनी पीड़ा को सार्वजनिक रूप से कहूंगा. स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख इसाई सब एक साथ हैं और मैं भारतीय हूं.