राजकुमार दीक्षित/सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में लॉकडाउन के दौरान मोटरसाइकिल से खेती के लिए कीटनाशक खरीदने जा रहे एक युवक ने नहर में छलांग लगा दी. परिजनों का आरोप है कि पुलिस के चालान काटने और मारपीट कर अपमानित किए जाने से दुखी हो कर उसने ऐसा जानलेवा कदम उठा लिया हालांकि पुलिस ने इससे इंकार किया है.


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जानकारी के मुताबिक युवक सदरपुर थाना क्षेत्र के सरैया महिपतसिंह निवासी है और उसका नाम विमल कुमार बताया जा रहा है. पुलिस की टीम गोताखोरों के साथ युवक को ढूंढ रही है लेकिन अब तक पानी में कूदे युवक का पता नहीं चल पाया है. 


परिजनों का कहना है कि खेती करने वाले किसानों और मजदूरो को लॉकडाउन में छूट दे दी गई है बावजूद इसके पुलिस ने युवक के साथ ऐसा रवैया अपनाया. परिजनों ने बताया कि युवक खेत में डालने वाली दवा लेकर घर जा रहा था और इसी बीच पुलिस ने युवक का चालान काट दिया.


उनका कहना है कि युवक के लाख गिड़गिड़ाने व गाड़ी के कागजात दिखाने के बाद भी पुलिस ने बाइक का चालान काटा. इससे आहत होकर युवक ने पहले अपने चाचा के मोबाइल पर मैसेज भेजा और उसके बाद नहर में  छलांग लगा दी.


वहीं युवक के चाचा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि विमल के पास गाड़ी के पूरे कागज थे और वह फसल के लिए कीटनाशक दवा लेने गया था. उनका कहना है कि विमल के मिन्नतें करने के बाद भी पुलिस ने उसकी गाड़ी सीज कर ली. इसके बाद विमल ने अपने चाचा को मेसेज किया कि वह आत्महत्या करने जा रहा है. युवक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप भी लगाया है.


इस मामले में पुलिस का कहना है कि वाहन की चेकिंग के दौरान युवक के पास से कोई कागजात नहीं मिले थे. फिलहाल मामले की रिपोर्ट आने के बाद ही आग्रमि कार्रवाई की जाएगी. 


आपको बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर सपा के विधायक व पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह वर्मा ने पुलिस की कार्यशैली पर हमला बोला है. नरेंद्र वर्मा का आरोप है कि युवक ने गाड़ी के कागज दिखाए उसके बावजूद भी पुलिस ने उसका चालान काटा जिससे परेशान होकर उसने नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली.


विधायक ने सरकार से मांग की है कि जो कोई भी पुलिसकर्मी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और किसान के परिवार को 25 लाख का मुआवजा दिया जाए.