नई दिल्ली/ मथुरा: गोवर्धन में एक आरती स्थल पर अस्थायी ढांचे और 12 दुकानों को तोड़ने के विरोध में यहां के तीन बड़े मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अतिक्रमण हटाने के आदेश के अनुपालन में बुधवार (28 नवंबर) को दानघाटी मंदिर के सामने बने आरती स्थल को ध्वस्त करने के विरोध में सेवायतों ने मंदिर के पट बंद कर दिए. मंदिर के इतिहास में ऐसा प्रदर्शन पहली बार हुआ है. वहीं, कपाट बंद होने से देश-दुनिया से आए श्रद्धालु बिना दर्शन कर निराश होकर लौटे है. मंदिर के कपाट बंद होने से श्रद्धालुओं ने रोष जताया है. 


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बुधवार (28 नवंबर) को अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों की अगुवाई में कई थानों की पुलिस और तीन-तीन जेसीबी पहुंचीं. अधिकारियों को देख सेवायत रामेश्वर कौशिक ने मंदिर के पट बंद कर दिए. सेवायतों ने आरती स्थल के सामने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. लेकिन, पीएसी आते ही सेवायत वहां से चले गए और मंदिर प्रबंधक डालचंद चौधरी स्टे आर्डर नहीं दिखा सके. इसके बाद जेसीबी ने ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया. 


दानघाटी मंदिर के मुख्य पुजारी रामेश्वर कौशिक ने कहा कि दानघाटी, गिरिराज मुकुट मुखारविंद और हरगोकुल मंदिर अतिक्रमण रोधी अभियान का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गोवर्द्धन के ब्राह्मण समाज की बैठक गुरुवार को बुलाई गई है, जहां भविष्य की रूपरेखा तय की जाएगी. 


वहीं, जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों को लागू करने के लिए अतिक्रमण रोधी अभियान चलाए गए. उन्होंने कहा कि एनजीटी ने हाल में एक आदेश में प्रशासन को 75 ढांचे तोड़ने के निर्देश दिए थे और कहा था कि ऐसा नहीं करने पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है.