74th Republic Day 2023: हर साल भारत में 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस (Republic Day) बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. दिल्ली के राजपथ पर होने वाला परेड (Republic Day parade) गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण अलग-अलग राज्यों की झांकियां होती हैं. इस वर्ष देश गुरुवार, 26 जनवरी 2023 को अपना 73वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. हर साल गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर राजपथ पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं. राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की शान और गौरव का प्रतीक है. हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है, लेकिन दोनों ही मौकों पर झंडा फहराने में अंतर होता है. क्या आप जानते हैं दोनों राष्ट्रीय दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर है? अगर नहीं इस आर्टिकल में हम आपको उन अंतरों के बारे में बताने जा रहे हैं...


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पहला अंतर- ध्वजारोहण और झंडा फहराना 
15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस (Indipendence Day) वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की ओर खींचा जाता है. इसके बाद फहराया जाता है. दरअसल, जिस दिन भारत को आजादी मिली थी, उस दिन ब्रिटिश सरकार ने अपना झंडा उतारकर भारत के तिरंगे को ऊपर चढ़ाया था. यही वजह है कि हर साल 15 अगस्त को तिरंगा ऊपर खींचकर फिर फहराया जाता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं. वहीं, 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस (Republic Day) वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है. उसे केवल फहराया जाता है. यही वजह है की उसे ध्वजारोहण नहीं बल्कि झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं.


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दूसरा अंतर- प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं. दरअसल, देश का राजनीतिक प्रमुख प्रधानमंत्री होता है जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होता है. देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था. उससे पहले न देश में संविधान था और न राष्ट्रपति का पद. इसी वजह से हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति ही राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' फहराते हैं. वहीं, 15 अगस्त को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं.  


तीसरा अंतर- आयोजन स्थल
गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन राजपथ पर किया जाता है और राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं. जबकि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले पर किया जाता है. इस दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण के बाद लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हैं. 


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15 अगस्त और 26 जनवरी 
भारत 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. देश की आजादी के लिए कई वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी. तब जाकर कहीं भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में सामने आया है. यही वजह है कि 15 अगस्त भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. आजादी के जश्न को मनाने के लिए हर साल यह राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. वहीं, 26 जनवरी 1950 में इस दिन संविधान लागू किया गया था. इसके कई कारण थे. देश स्वतंत्र होने के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था. वहीं, 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया. इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया. 


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